छत्तीसगढ़ में सरेंडर नक्सलियों पर केस वापसी का फैसला, जिला कमेटी बनेगी; 14 कानूनों में संशोधन को मंजूरी

By : hashtagu, Last Updated : December 10, 2025 | 3:00 pm

रायपुर, छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ सरकार ने सरेंडर करने वाले नक्सलियों (surrendered naxals) के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने का बड़ा निर्णय लिया है। बुधवार को हुई साय कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। सरकार का कहना है कि नक्सल हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटने की इच्छा रखने वाले लोगों को राहत दी जाएगी।

इस प्रक्रिया के लिए कैबिनेट सब-कमेटी और जिला स्तर पर एक अलग समिति बनाई जाएगी। जिला समिति सरेंडर नक्सली के खिलाफ चल रहे मामलों की समीक्षा करेगी और पुलिस मुख्यालय को अपनी रिपोर्ट देगी। पुलिस मुख्यालय अपनी सिफारिशों के साथ प्रस्ताव आगे भेजेगा। इसके बाद मामले कानून विभाग से राय लेते हुए कैबिनेट उप-समिति और फिर कैबिनेट की अंतिम मंजूरी के लिए भेजे जाएंगे।
केंद्रीय कानूनों या केंद्र सरकार से जुड़े मामलों में भारत सरकार से अनुमति ली जाएगी, जबकि बाकी मामलों को अदालतों में सरकारी वकील के जरिए वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

कैबिनेट ने जन विश्वास विधेयक-2025 के दूसरे संस्करण को भी मंजूरी दे दी है। इसके तहत 11 विभागों के 14 अधिनियमों के 116 प्रावधानों में बदलाव किया जाएगा, ताकि छोटे उल्लंघनों पर प्रशासनिक सजा और तेज निपटारा संभव हो सके। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग को बढ़ावा देने के लिए यह महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जिसने जन विश्वास विधेयक का दूसरा संस्करण लाने का निर्णय लिया है।

इसके साथ ही 2025–26 के प्रथम अनुपूरक अनुमान के लिए छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल गई है।

इससे पहले पिछली कैबिनेट बैठक में भी राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए थे। मुख्यमंत्री ऊर्जा राहत जन अभियान (M-URJA) को मंजूरी दी गई, जिससे 1 दिसंबर 2025 से घरेलू उपभोक्ताओं को 200 यूनिट तक 50% बिजली छूट मिलेगी। प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना को बढ़ावा देने के लिए 1 किलोवॉट सोलर प्लांट पर 15,000 रुपये और 2 किलोवॉट या उससे अधिक क्षमता पर 30,000 रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी देने का निर्णय भी लिया गया।

उच्च शिक्षा के विकास के लिए छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2025 और दुकान-स्थापना संशोधन विधेयक 2025 को मंजूरी दी गई। इन कदमों से ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और रोजगार सृजन को गति मिलने की उम्मीद है।