Chhattisgarh : ड्रग्स तस्करी के नेटवर्क को ध्वस्त करने ‘अमित शाह’ का टॉप-टू-बाटम प्लानिंग! जानिए क्या दिए अचूक मंत्र
By : hashtagu, Last Updated : August 25, 2024 | 2:26 pm
शाह ने अफसरों को दिए 4 सूत्र…
- ड्रग के डिक्टेशन, नेटवर्क का डिस्ट्रक्शन, कलप्रिट का डिटेंशन, और ऐडिक्ट का रिहैबिलिटेशन पर काम करके सफल होंगे।
- जो ड्रग कंज्यूम करता है वह सिस्टम का विक्टम है। जो व्यापार करता है, वह गुनहगार है।
- छत्तीसगढ़ 7 राज्यों से अपनी सीमा शेयर करता है।
- बंगाल की खाड़ी के नजदीक है। ओडिशा और आंध्र प्रदेश की कोस्टल कनेक्टिविटी भी ड्रग्स का एक रूट तैयार करती है।
- गांजा की तस्करी आंध्र और ओडिशा की सीमा से होती है।
- छत्तीसगढ़ में गांजा के नशे का उपयोगकर्ता 4.98 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 2.83 प्रतिशत से बहुत अधिक है।
- नारकोटिक्स से अर्जित किया गया धन आतंकवाद, नक्सलवाद और भारत को निर्बल करने के काम भी आता है।
- ड्रग डीलर्स की प्रॉपर्टी जब्त करने के कानून के अधिकार का प्रयोग करिए, इसमें कोई झिझक नहीं होनी चाहिए।
- फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन के लिए केंद्रीय एजेंसियों की मदद लीजिए। कुछ अंतर राज्य और अंतरराष्ट्रीय केस NCB को दीजिए।
जॉइंट कोऑर्डिनेशन हो, अधिकारी सिर्फ फॉर्मेलिटी ना करें
- अमित शाह ने निर्देश दिए हैं कि अधिकारियों को रेगुलर बैठक करने की जरूरत है। इसमें लक्ष्य तय किए जाने चाहिए, फॉर्मेलिटी नहीं होनी चाहिए। जो लक्ष्य तय हुआ, उसके अचीवमेंट का रिव्यू भी अधिकारियों को करना होगा। तभी जाकर हम इस पर काम अच्छी तरह से कर पाएंगे
उन्होंने कहा कि, जॉइंट कोऑर्डिनेशन कमेटी बनाकर इस तंत्र का बेहतर उपयोग करना चाहिए। फाइनेंशियल ट्रेड और फंडिंग के सोर्स इसकी जांच करते हुए मजबूत केस बनाकर एक्शन लीजिए।
ड्रग्स तस्करी रोकने को लेकर बन रही रणनीति
दरअसल, नक्सलवाद के बाद दूसरे दिन देश भर में ड्रग्स तस्करी रोकने के लिए रणनीति तैयार की जा रही है। बैठक में राज्य और केंद्र सरकार के अलग-अलग विभाग के अधिकारी शामिल हैं। उनसे ड्रग्स नेटवर्क, इसे रोकने, कार्रवाई, युवाओं और स्टूडेंट्स में जागरूकता को लेकर चर्चा की जा रही है।
- बैठक में इंटेलिजेंस ब्यूरो, राजस्व खुफिया निदेशालय, रेलवे सुरक्षा बल, भारतीय डाक, राज्य औषधि नियंत्रक, फोरेंसिक विज्ञान एक्सपर्ट, सामाजिक न्याय मंत्रालय, प्रवर्तन निदेशालय, राज्य एड्स नियंत्रण संगठन के केंद्र से और राज्य से अफसर हिस्सा ले रहे हैं।
उनके अलावा छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव, गृह विभाग के सचिव, पुलिस , स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, समाज कल्याण मंत्रालय, वन विभाग , कृषि विभाग , राज्य उत्पादन शुल्क ,उच्च शिक्षा विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग जैसे डिपार्टमेंट के सचिव भी शामिल हैं।
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