Chhattisgarh : कांग्रेस में क्यों है ‘बदलाव’ को लेकर अभी ऊहापोह?.. समझिए इसके बड़े सियासी कारण
By : hashtagu, Last Updated : August 16, 2024 | 9:01 pm
- राजनीति के जानकार कायस लगा रहे हैं कि 50 ऐसे प्रदेश सचिव है, जिनकी कुर्सी पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। जबकि फिलहाल वर्तमान में 140 प्रदेश सचिव हैं। अगर ये हटा दिए जाएंगे तो 90 प्रदेश सचिव ही बचेंगे। लेकिन नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव पर पूरा ध्यान कांग्रेस देना चाह रही है। ऐसे में बदलाव के आशंका के बादल नगरीय निकाय तक टल गए हैं।
अब दिल्ली की निगहबानी में रहेगी हर गतिविधि
कांग्रेस में बीते दिनों जिस तरीके से गुटबाजी और असंतोष की लहर चली थी। बताया जा रहा है कि उसे देखते हुए दिल्ली में कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व अपनी निगहबानी में हर गतिविधि को जानेगा और परखेगा और दिल्ली के इशारे और आदेश पर ही कोई बदलाव होंगे। साथ ही राजनीतिक टास्क भी नेताओं और पदाधिकारियों को दिए जाएंगे। जिसे पूरा करने की जिम्मेदारी तय होगी। दिल्ली में तीन दिन पहले मोइली कमेटी की नेताओं की मीटिंग हुई थी। जिसमें प्रदेश के नेताओं को सीधे संकेत दे दिए गए हैं कि अब छत्तीसगढ़ के मामलों में AICC सीधे नजर रखेगी। कोई भी फैसले एकतरफा नहीं लिए जाएंगे। वरिष्ठ नेताओं से रायशुमारी और चर्चा के बाद ही संगठन की गतिविधियों आगे बढ़ाया जा सकेगा।
निष्क्रिय पदाधिकारियों पर टेढ़ी नजर
पार्टी के रणनीतिकार और सूत्रों के मुताबिक एक विधानसभा में एक ही सचिव की नियुक्ति के पक्ष में हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान कुछ सचिव पार्टी छोड़कर चले गए थे। कई सचिव पद पर बने तो रहे, लेकिन निष्क्रिय रहे। ऐसे में कमजोर परफॉर्मेंस वाले पदाधिकारियों को भी हटाया जा सकता है। इस महीने के अंत तक खाली पदों पर नियुक्ति की संभावना बताई जा रही है। बीते लोकसभा चुनाव के दौरान कार्यकारिणी में रहे 2 महामंत्रियों ने पार्टी छोड़ दी थी। इसके साथ ही प्रदेश उपाध्यक्ष के भी दो पद खाली पड़े हुए हैं। इसी तरह चार संगठन जिलों में कार्यवाहक अध्यक्ष होने से गतिविधियां में तेजी नहीं दिखी। फिलहाल, कांग्रेस खुद को एक बार फिर से सक्रिय करने के लिए क्या करती है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
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