अर्थव्यवस्था में युवाओं की ‘भागीदारी’ से ही छत्तीसगढ़ होगा विकसित! युवाओं ने दिए बड़े आइडिया

विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ को लेकर बनाए जा रहे छत्तीसगढ़ विजन डाक्यूमेंट पर युवाओं ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा

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  • Updated On - July 16, 2024 / 07:39 PM IST

  • युवाओं ने कृषि को आधुनिक बनाने, महिलाओं को सशक्त बनाने और रोजगार आधारित शिक्षा पर दिया जोर
  • राज्य नीति आयोग द्वारा आयोजित संवाद कार्यक्रम में युवाओं ने खुलकर रखे अपने विचार

रायपुर 16 जुलाई 2024/विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ (Developed India and Developed Chhattisgarh) को लेकर बनाए जा रहे छत्तीसगढ़ विजन डाक्यूमेंट पर युवाओं ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाए रखने के लिए यहां की परिस्थितियों के अनुरूप कार्य करना होगा। राज्य की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने, इसे आधुनिक बनाने के साथ-साथ राज्य के प्रगति में कंधे से कंधा मिलाकार योगदान देने वाली मातृ शक्ति को भी सशक्त बनाना होगा।

  • राज्य नीति आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ विजन डाक्यूमेंट तैयार करने के सिलसिले में स्थानीय विश्राम गृह में आयोजित संवाद कार्यक्रम में युवाओं ने खुलकर अपने विचार व्यक्त (Youth expressed their views openly) किए। संवाद कार्यक्रम में लक्षित सेठिया ने कहा कि राज्य की 80 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है, इसलिए कृषि और फूड प्रोसेसिंग पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। कृषि से संबंधित स्टार्टअप और नवाचार को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

अंकित जैन ने कहा कि युवाओं के लिए रोजगार के नये सेक्टरों जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाईल आदि क्षेत्रों पर फोकस करने की जरूरत है। इसके साथ ही कुशल मानव संसाधन के लिए वर्तमान आवश्यकता के अनुरूप नये क्षेत्रों में भी कौशल विकास के कार्यक्रम संचालित किए जाए।

मयंक नायक ने कहा कि राज्य में पर्यटन क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं, इसके दोहन के लिए पर्यटन क्षेत्रों का विकास सहित अन्य सुविधाओं को बढ़ावा देना चाहिए।

  • कुमारी सिमरन ने कहा कि राज्य में रोड़ नेटवर्क बढ़ाए जाने की जरूरत है। प्रेरणा शर्मा, लोमेश कश्यप और ऋतुराज साहू ने कहा कि युवाओं को स्व-रोजगार से जोड़ने के लिए पाठ्यक्रमों में बदलाव करने की जरूरत है। युवाओं को बेहतर शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराने स्कूलों और महाविद्यालयों को सर्वसुविधायुक्त बनाना चाहिए। अंकिता पाण्डेय ने कहा कि स्कूल और कॉलेजों में खेल को एक अनिवार्य विषय के रूप में शामिल करते हुए खेल की सुविधाएं विकसित करना भी जरूरी है।

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