‘स्टील उद्योग’ में छत्तीसगढ़ की ‘ऊंची’ छलांग, भूपेश का ‘master plan’
By : madhukar dubey, Last Updated : March 26, 2023 | 6:01 pm
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार को भले घाटा हो लेकिन हमने आपको बिजली में छूट दी। ताकि उद्योग अच्छे से चलते रहें। हमारे राज्य से कोयला पूरे देश में जाता है, कोरोना काल मे हमने कोयला की आपूर्ति बाधित नहीं होने दी। मैं रायपुर सांसद के माध्यम से केंद्र सरकार से मांग करता हूं कि एसईसीएल से स्टील व्यवसायिओं को कोल लिंकेज मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोयला खदानों की वजह से सड़कें बहुत खराब हैं। खराब सड़कों की वजह से परिवहन बहुत महंगा हो गया है। इसलिए किसी उद्योग की स्थापना के समय सड़क को भी प्रोजेक्ट में ले लेना चाहिए।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा जब कोरोना की दूसरी लहर आयी तो देश की राजधानी और अन्य राज्यों में ऑक्सीजन की कमी थी लेकिन छत्तीसगढ़ में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं हुई, हमने तुरन्त उद्योगपतियों को ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए लाइसेंस दिया। देशभर में ऑक्सीजन का दवाब था तो मैंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि स्टील प्लांट को भी कुछ ऑक्सीजन दीजिये। जिससे प्लांट भी चल सकें। कोरोना काल में देशभर में मजदूर पलायन कर रहे थे, लेकिन छत्तीसगढ़ में स्थिति ऐसी नहीं थी।
हमारे छत्तीसगढ़ में बेहतर उद्योग नीति की वजह से कोरोना काल मे भी उद्योग अच्छे से चलते रहे। जब कोरोना संकट आया और लॉकडाउन की परिस्थितियां निर्मित हुई तब एक बारगी लगा कि प्रदेश का स्टील सेक्टर दम तोड़ देगा। लेकिन हमने कंधे से कंधा मिलाकर काम किया। भीषण संकट के बीच सरकार स्टील सेक्टर की ताकत बनी और हमारे स्टील उद्योग सरकार की ताकत बन गए। कोरोना संकट काल में भी हमारे यहां देश में सबसे ज्यादा स्टील का उत्पादन किया। पिछले चार सालों के दौरान छत्तीसगढ़ का औद्योगिक परिदृश्य पूरी तरह बदल चुका है। कार्यक्रम में वन एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर, रायपुर सांसद सुनील सोनी, स्टील कॉन्क्लेव के पदाधिकारी रमेश अग्रवाल, श्री सुरेंद्र त्रिपाठी उपस्थित रहे।