धमतरी: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (Vishnu Deo Sai) द्वारा आयोजित ‘सुशासन तिहार’ का समापन शनिवार, 31 मई को धमतरी में हुआ। यह जन संवाद और प्रशासनिक समीक्षा पर केंद्रित राज्यव्यापी अभियान 8 अप्रैल को शुरू हुआ था। इस दौरान मुख्यमंत्री साय ने पूरे प्रदेश के 33 जिलों का दौरा किया, गांवों में जाकर जन चौपाल लगाए और आमजन से सीधा संवाद किया। उन्होंने इस यात्रा को अपने जीवन का मूल्यवान अनुभव बताते हुए कहा कि इस पहल से शासन और जनता के बीच की दूरी कम हुई है।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर बताया कि यह अभियान केवल औपचारिकता नहीं था, बल्कि शासन की योजनाओं के जमीनी प्रभाव को परखने और लोगों से सुझाव प्राप्त करने का एक सशक्त माध्यम रहा। उन्होंने खुद स्कूलों, अस्पतालों, आंगनबाड़ियों, राशन दुकानों, प्रधानमंत्री आवासों और निर्माणाधीन परियोजनाओं का निरीक्षण किया। इसके जरिए उन्हें यह समझने का अवसर मिला कि सरकार की नीतियां कैसे आम जनता के जीवन में प्रत्यक्ष बदलाव ला रही हैं।
8 अप्रैल से शुरू हुए सुशासन तिहार का आज धमतरी में समापन हुआ।
इस दौरान मैंने प्रदेश के 33 जिलों का भ्रमण किया। गांवों में जन चौपाल लगाकर, लोगों से सीधा संवाद किया, उनकी समस्याओं को समझा और समाधान सुनिश्चित किया। जिला मुख्यालयों पर समीक्षा बैठक की। यह अनुभव मेरे जीवन की मूल्यवान…
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) May 31, 2025
सुशासन तिहार के अनुभवों के आधार पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय की घोषणा की। उन्होंने बताया कि स्कूलों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया शुरू की गई है, और इसके साथ ही शिक्षकों की चरणबद्ध भर्ती का भी निर्णय लिया गया है। पहले चरण में 5000 शिक्षकों की भर्ती की जाएगी, जिससे प्रदेश की शैक्षणिक व्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री साय ने यह भी स्पष्ट किया कि यह अभियान यहीं समाप्त नहीं होता, बल्कि यह भविष्य की एक दिशा है जिसमें शासन आमजन के और करीब जाएगा। उनका कहना था कि सुशासन तिहार ने प्रदेशवासियों में यह विश्वास और प्रबल किया है कि उनकी सरकार लगातार विकास और लोक कल्याण में तत्परता से जुटी है।