प्रदेश के 30 हजार परिवारों के हक में मुख्यमंत्री साय ने लिया बड़ा फैसला

By : madhukar dubey, Last Updated : December 20, 2024 | 8:42 pm

  • दलहन, तिलहन तथा गेहूं पर मंडी शुल्क और कृषक कल्याण शुल्क से छूट की घोषणा पर आम जनता सहित उद्योग जगत के लोगों ने किया मुख्यमंत्री का आत्मीय अभिनंदन
  • यह फैसला प्रदेश के 30 हजार परिवारों का संरक्षण करेगा : विष्णु देव साय
  • रायपुर। छ.ग. शासन कृषि विभाग (Chhattisgarh Government Agriculture Department)ने अधिसूचना दिनांक 13.03.2024 के द्वारा प्रदेश के बाहर से प्रसंस्करण / विनिर्माण के लिए लाए गए दलहन, तिलहन एवं गेंहूं पर एक प्रतिशत मंडी शुल्क एवं 0.5 प्रतिशत कृषक कल्याण शुल्क निर्धारित किया गया था। छ.ग. प्रदेश के मंडी समितियों में पंजीकृत मिल-दाल मिल-399, तिलहन मिल- 26 एवं फ्लोरमिल 25 है।

    प्रदेश के दाल मिल, तिलहन मिल और फ्लोर मिलों द्वारा प्रदेश के बाहर से प्रसंस्करण/ विनिर्माण हेतु लाए गये दलहन, तिलहन एवं गेहूँ पर मंडी शुल्क से छूट दिये जाने के संबंध में मुख्यमंत्री से किए गए आग्रह पर मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य शासन ने दिनांक 17.12.2024 को अधिसूचना जारी कर प्रदेश के दाल मिल, तिलहन मिल तथा फ्लोर मिलों को प्रदेश के बाहर से प्रसस्करण / विनिर्माण के लिए लाये गये दलहन, तिलहन एवं गेहूँ पर दिनांक 13.03.2024 से 31.03.2026 तक मंडी शुल्क एवं कृषक कल्याण शुल्क से पूर्णत: छूट प्रदान कर दी है।

    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के इस फैसले का अभिनंदन करते हुए आमजनों व उद्योग जगत के लोगों ने मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आत्मीय अभिनंदन कर उन्हें धन्यवाद प्रेषित किया। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि वित्तीय चुनौतियां होने के बावजूद प्रदेश की आम जनता के हक में उनकी सरकार ने यह फैसला किया है इस फैसले से प्रदेश के 30 हजार परिवारों का संरक्षण होगा व आम जनता को भी कम कीमत पर यह रोजमर्रा की वस्तुएं मिलती रहेंगी।

    मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा प्रदेश में दलहन, तिलहन एवं गेहूं का उत्पादन मांग के अनुरूप कम है, जिससे प्रदेश के दाल मिल, तिलहन मिल तथा फ्लोर मिलों को अपने मिलों के संचालन के लिए अन्य प्रदेशों से दलहन, तिलहन एवं गेहूँ का आयात करना पड़ता है। मंडी शुल्क से छूट दिये जाने पर प्रदेश की दाल मिल, तिलहन मिल तथा फ्लोर मिलें, अन्य राज्यों से प्रतिस्पर्धा कर पायेंगे और उपभोक्ताओं को कम कीमत पर दाले, तेल, आटा तथा मैदा प्राप्त होगा, जिससे घरेलू व्यय में बचत होगी और उपभोक्ता इस बचत से अपनी जीवनशैली में सुधार हेतु अन्य आवश्यक सामाग्रियां क्रय करने में सक्षम हो सकेगा। साथ ही इन दाल मिल, तिलहन मिल तथा फ्लोर मिलों से लगभग 30 हजार परिवारों को रोजगार (Employment to about 30 thousand families from pulse mill, oilseed mill and flour mill.)प्राप्त होता है,जिनका सीधा संरक्षण ये फैसला करता रहेगा।इस दौरान विशेष रूप से इस विषय पर लगातार प्रयासरत भाजपा नेता अमित चिमनानी, चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, रायपुर दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीत गोयल ,सचिव श्याम सुंदर गोयल हरिमल सचदेव,फ्लोर मिल एसोसिएशन के प्रदेश सचिव रमेश अग्रवाल,कोषाध्यक्ष धरम अग्रवाल,समीर अग्रवाल मौजूद रहे।

     

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