CM भूपेश के ‘राजनीतिक सलाहकार’ विनोद वर्मा बोले, ED ने मेरे साथ राहजनी और डकैती की!

 बीते रोज ईडी ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा के आवास के अलावा मुख्यमंत्री बघेल से जुड़े दो अन्य लोगों के यहां भी छापे मारे थे।

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  • Updated On - August 24, 2023 / 02:24 PM IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा (Vinnod Verma) ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की गई छापे की कार्रवाई को राहजनी और डकैती करार दिए जाने के साथ प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। बीते रोज ईडी ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा के आवास के अलावा मुख्यमंत्री बघेल से जुड़े दो अन्य लोगों के यहां भी छापे मारे थे। इस कार्रवाई के दौरान ईडी ने दस्तावेज और सोने के जेवरात आदि जब्त किए हैं।

कार्रवाई के बाद विनोद वर्मा ने संवाददाताओं के सामने आकर अपनी बात रखी और कहा कि ईडी द्वारा की गई पूछताछ के दौरान उन्होंने अपने बयान में ईडी पर ही सवाल उठाए और साफ कहा कि ईडी द्वारा मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है और जो भी आप (ईडी) कर रहे हैं वह राहजानी और डकैती है। जितना भी सोना मेरे घर से मिला है उसके बिल ईडी को सौंपे हैं। यह सोना 2005 से 2023 के बीच खरीदा गया है।

सीएम के सलाहकार विनोद वर्मा ने कहा, मेरा पत्रकारिता का जो पेशेवर जीवन है, वो बहुत बड़ा है। उसकी तुलना में राजनीतिक जीवन थोड़ा छोटा है। पर मैं आपको ये कहना चाहता हूं, कि मेरे घर में जो धूल है वह भी मेरे पैर की है। और अगर उसमें कुछ और शामिल है तो आप जैसे मित्रों के घर आने से जो धूल आती है, वही है। उसके अलावा मेरे पास कुछ भी नहीं है कि जिस पर आप शक कर सकें। और मेरे घर में कल डकैती हुई है, लूट हुई है, राहजनी हुई है। और इसको मैं पुख्ता आधार पर कह रहा हूं, जो बयान ईडी ने मुझसे लिया है। उसमें भी मैंने दर्ज कराया है, आप मुझे प्रताडि़त कर रहे हैं। जो कुछ भी आप कर रहे हैं, वह झूठ है, रहजनी है। रॉबरी है, डकैती है।

जितना सोना मेरे घर में मिला, वो 2005 में मैंने पहली बार सोना खरीदा था। मैं खरीदने लायक तभी हो पाया था। और 2005 से 2023 तक जितना भी सोना खरीदा उसका एक-एक बिल हमने दिया है। सिर्फ एक गहने को छोड़कर जो मेरी पत्नी को उसकी शादी में मिला था। उसका बिल मेरे पास नहीं था, उसके अलावा मैंने पूरा बिल दिया। इसके अलावा हमने 6 अतिरिक्त बिल दिए। जो शादियों में दिए थे। भांजे की शादी की हुई तो उसको देने के लिए गहना खरीदा। भतीजे की शादी हुई तो उसके यहां देने के लिए सोना खरीदा। उसका बिल दिया। इसके बावजूद ईडी सारा गहना जब्त करके ले गई कि आप इसका पुख्ता सबूत नहीं दे रहे हैं। कि गहना कहां से खरीदा। पूरा बिल मैंने दिया। कहा, जो पूरा बिल प्रोड्यूस किया है, तो ईडी ने जाते हुए जो कागज दिया है, उस कागज में पूरे का विवरण है। उनके अपने कागज में विवरण है। कितना सोना हमने खरीदा और कितने बिल प्रोड्यूस किया।

कहा, जब हमने उनसे पूछा एलांस कितना है कि कोई कितना गहना घर पर रख सकता है तो बोले वाे सब आईटी एक्ट में है, ईडी एक्ट में नहीं है। बताया कि ईडी ने कहा, आप मुझे संतुष्ट नहीं कर पा रहे हैं। और कैसे कर सकता हूं, ये सारे बिल आपको प्रोड्यूस कर रहा हूं। ईडी के अफसरों ने कहा, आपने ये बिल का पे आपने कैसे किया। उसका सबूत आपके पास नहीं है। कहा, भारतीय कानून में यह पहली बार ये प्रावधान जोड़ना पड़ रहा है कि अगर आप कोई बिल से खरीदते हैं, कच्चे में नहीं खरीदते हैं और नकद से नहीं खरीदते हैं तो उस बिल के पे का मोड भी आपको सुरक्षित रखना पड़ेगा। इडी, आइपीसी और आईपीसी को नए तरीके से डिफाइन कर रहे हैं। बताया कि , मेरे यहां ये जो नकद ले गए, 2 लाख 55 हजार 300 रुपए लेकर गए।

वर्मा ने आगे कहा, मैंने 2005 में पहली बार सोना खरीदा क्योंकि मैं खरीदने लायक तभी हो पाया था, और उसके बाद जितना भी सोना खरीदा इसका एक-एक बिल ईडीके सामने रखा। सिर्फ एक गहने को छोड़कर जो मेरी पत्नी को विवाह के समय मिला था, उसका बिल मेरे पास नहीं है। इसके अलावा पूरे बिल ईडी को दिया है। इसके साथ ही छह ऐसे बिल भी दिए जिसका सोना शादियों में रिश्तेदारों को दिए थे।

उन्होंने आगे कहा कि तमाम बिल दिखाए जाने के बावजूद ईडी सारा सोना जब्त कर ले गई और उनका यही कहना था कि पुख्ता सबूत नहीं दे रहे हैं कि यह सोना कहां से खरीदा गया, जबकि वास्तविकता यह है कि पूरा बिल मैंने उनके सामने पेश किया और उन्होंने जो कागज दिए हैं उसमें भी पूरे बिल और सोने का विवरण दर्ज है।

वर्मा ने बताया कि जब उन्होंने ईडी से यह पूछा कि एक सामान्य व्यक्ति को कितना सोना रखने का अधिकार है तो ईडी के अधिकारी ने कहा कि यह सब आईटी एक्ट में है, ईडी के एक्ट में नहीं है। ईडी के अधिकारी बार-बार यही कहते रहे कि आप मुझे संतुष्ट नहीं कर पा रहे हैं, तो फिर मैने कहा कि संतुष्ट कैसे कर सकता हूॅ, जब मैंने सारे बिल आपके सामने रख दिए हैं।

वर्मा ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा ईडी के अधिकारियों ने सवाल किया कि आप यह बताइए कि आपने यह सोना जो खरीदा है उसका भुगतान आपने कैसे किया है, इसका सबूत आप नहीं दे पा रहे हैं। ईडी पर तंज सकते हुए वर्मा ने कहा, पहली बार भारतीय कानून में यह प्रावधान जोड़ना पड़ रहा है कि अगर कोई चीज बिल से खरीदते हैं, कच्चे में नहीं खरीदते हैं तो उस बिल के पेमेंट का मोड भी अपने पास सुरक्षित रखना पडे़गा। यह सीआरपीसी और आईपीसी को नए तरीके से परिभाषित कर रहे हैं। ज्ञात हो कि वर्मा सहित अन्य लोगों के यहां ईडी के छापे पड़े हैं, उसके बाद से राज्य की सियासत गरमाई हुई है और बीते रोज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का जन्मदिन भी था और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज भी कसा था।

विनोद वर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस में के दौरान कहा कि ईडी ने मुझे कागज दिया, उसमें सारा विवरण है। ईडी ने आईपीसी को नए सिरे से परिभाषित किया है। ईडी की मंशा क्या है, ये उजागर हो गई है। ईडी के छापे के पीछे का आधार जगत विजन पत्रिका में छपी एक कहानी है।

उन्होंने आगे कहा कि जगत विजन पत्रिका के संपादक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगा। चंद्रभूषण वर्मा मेरा रिलेटिव नहीं है। चंद्रभूषण की जो भूमिका सट्टा एप में तो उसकी पूरी जांच कर लेते। बिना किसी तथ्य के मेरे घर ईडी की टीम पहुंची।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की तानाशाही चल रही है। राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष को रौंदने की कोशिश हो रही है। छत्तीसगढ़ की राजनीतिक परिस्थितियों के मद्देनजर कार्रवाई हो रही है।

सीएम के आसपास के लोगों को लपेट लिया जाए। छत्तीसगढ़ पुलिस भी महादेव एप पर कार्रवाई कर रही है. भाजपा केंद्रीय एजेंसियों के भरोसे चुनाव लड़ना चाहती है। विनोद वर्मा ने कहा कि मुझे खुशी होगी, अगर ईडी मेरे खिलाफ सबूत ले आए, मुझे ईडी गलत साबित कर दे। मैं उन चीजों से दूर रहा हूं, जो दलदल है, जो गलत है। मुख्यमंत्री ने मुझे अपना सलाहकार बनाया तो यह मेरा दायित्व है कि उनकी छवि पर दाग न लगने दूं। मैं एआईसीसी का मेंबर हूं, उस नाते भी जिम्मेदारी से कह रहा हूं पार्टी की छवि पर, सरकार की छवि पर दाग नहीं लगने दूंगा।

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