भूपेश बघेल- सट्टेबाजों पर क्यों कार्रवाई नहीं कर रही सरकार?

महादेव ऐप मामले में FIR पर पूर्व CM भूपेश बघेल ने कहा कि, 74 से अधिक FIR, 200 से अधिक गिरफ्तारी हुई थी। उसके बाद ईडी आई,

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  • Publish Date - April 2, 2025 / 05:23 PM IST

रायपुर। महादेव ऐप मामले (Mahadev app cases)में FIR पर पूर्व CM भूपेश बघेल(Former CM Bhupesh Baghel) ने कहा कि, 74 से अधिक FIR, 200 से अधिक गिरफ्तारी हुई थी। उसके बाद ईडी आई, उसने अपना काम किया। सरकार बदलने के बाद ED ने EOW को केस सौंपा और EOW ने CBI को केस सौंप दिया। अब CBI ने मुझे आरोपी बनाया है। यह FIR 18 दिसंबर 2024 की है, भारत सरकार के पास कोई कानून नहीं है।

उन्होंने आगे कहा कि, 1867 गैम्बलिंग एक्ट यानी अंग्रेजों के जमाने का कानून है. ऐसे में केंद्र सरकार ऑनलाइन गेम को लीगल मानती है या इनलीगल। लीगल मानती है तो प्रोटेक्शन मनी का सवाल नहीं उठता, अगर इनलीगल है तो कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं? चुनाव के ठीक पहले शुभम सोनी का वीडियो वायरल हुआ था। पहले होटल में असीम दास की गिरफ्तारी होती है और वीडियो भाजपा दफ्तर से जारी होता है। शुभम सोनी दुबई में काउंसलिंग के ऑफिस में जाकर बयान दिया। आखिर उसकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? कांसूलेट कहता है शुभम के बयान की जिम्मेदारी हमारी नहीं है।

पैनल संचालक और प्रमोटरों के 388 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच

महादेव सट्टा एप मामले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। महादेव सट्टा एप की अलग-अलग वेबसाइट के प्रमोटर, पैनल संचालक और प्रमोटरों के सहयोगी हरिशंकर टिबरेवाल की 388 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच करने की कार्रवाई की है। इसके साथ ही महादेव सट्टा एप संचालन करने के आरोप में जेल में बंद नितिन टिबरेवाल के करीबी शेयर कारोबारी गौरव केडिया को ईडी की टीम ने कोलकाता से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार गौरव केडिया को ईडी ने ईडी की की विशेष अदालत में पेश कर पूछताछ करने पांच दिनों की रिमांड पर लिया है। महादेव सट्टा एप मामले में केंद्रीय एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत संपत्ति अटैच करने की कार्रवाई की है। अटैच की गई संपत्ति में हरिशंकर टिबरेवाल की मॉरीशस की कंपनी तानो इन्वेस्टमेंट ऑपर्चुनिटीज फंड की चल संपत्ति भी शामिल है। इसे एफपीआई और एफडीआई के माध्यम से टिबरेवाल ने रकम निवेश किया था। ईडी ने टिबरेवाल से संबंधित छत्तीसगढ़, मुंबई और मध्य प्रदेश में स्थित अचल संपत्तियों को भी अटैच किया है। एजेंसी के मुताबिक यह सभी संपत्तियां कई सट्टेबाजी ऐप और वेबसाइट के प्रमोटरों, पैनल ऑपरेटरों और सहयोगियों की हैं।

बेनामी बैंक खातों का जटिल नेटवर्क

ईडी की जांच यह बात सामने आई है कि महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप एक सिंडिकेट के तौर पर काम करता है। इसमें व्यक्ति अपना पंजीकरण करता है। इसके बाद उसका यूजर आईडी बनता है। एप के पास बेनामी बैंक खातों का एक जटिल नेटवर्क है। इसके माध्यम से वह मनी लांड्रिंग को अंजाम देता है। जांच में यह भी पता चला है कि यह एप ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से सट्टेबाजी को बढ़ावा देता है।

अब तक 11 गिरफ्तार

महादेव सट्टा मामले में ईडी ने अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा रायपुर की विशेष पीएमएलए अदालत में चार अभियोजन शिकायतें भी दाखिल की हैं। इससे पहले केंद्रीय एजेंसी ने 142 करोड़ 86 लाख रुपए की संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया था।

अब तक 23 सौ करोड़ की संपत्ति अटैच

महादेव सट्टा मामले में ईडी ने अब तक सट्टा संचालित करने वाले प्रमोटरों की दो हजार 295 करोड़ 61 लाख रुपए की संपत्ति जब्त या फ्रीज की है। इसमें 19 करोड़ 36 लाख रुपए की नकदी, 16 करोड़ 68 रुपए का सामान और बैंक बैलेंस, प्रतिभूतियों समेत कुल 1 हजार 729 करोड़ 17 लाख रुपए की चल संपत्ति भी शामिल है।

गौरव की हुई गिरफ्तारी

आरोप है कि, गौरव केडिया, नितिन टिबरेवाल सहित महादेव सट्टा एप के प्रमोटरों की सट्टे की रकम को शेयर ट्रेडिंग में निवेश कर व्हाइट मनी में कन्वर्ट करने का काम करता था। इसके चलते ईडी की टीम ने गौरव केडिया को गिरफ्तार किया है।

ईडी ने मनी लांड्रिंग को लेकर की थी कार्रवाई

गौरतलब है कि, ईडी ने पिछले साल महादेव सट्टा मामले से जुड़े मनी लांड्रिंग नेटवर्क के खिलाफ छापा मारा था। इस दौरान 5 करोड़ 39 लाख रुपए नगदी के साथ 15 करोड़ 59 लाख रुपए का बैंक बैलेंस मिला था। ईडी कई दिग्गज लोगों और फिल्म जगत की हस्तियों से भी पूछताछ कर चुकी है। इन हस्तियों से पूछताछ सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म से जुड़े होने की वजह से की गई। एप के मुख्य प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के खिलाफ आरोपपत्र भी दाखिल किए गए हैं।

बेनामी बैंक खातों का जटिल नेटवर्क

ईडी की जांच यह बात सामने आई है कि, महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप एक सिंडिकेट के तौर पर काम करता है। इसमें व्यक्ति अपना पंजीकरण करता है। इसके बाद उसका यूजर आईडी बनता है। एप के पास बेनामी बैंक खातों का एक जटिल नेटवर्क है। इसके माध्यम से वह मनी लांड्रिंग को अंजाम देता है। जांच में यह भी पता चला है कि यह एप ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से सट्टेबाजी को बढ़ावा देता है।

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