छत्तीसगढ़। सियासत में आरोप-प्रत्यारोप एक-दूसरे पर लगाना लाजमी है। विपक्ष विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरती है। यहां छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ‘यदाकदा’ (Bhupesh) भूपेश सरकार को घेरते हैं। वे कभी-कभार भूपेश पर सीधे वार भी करते हैं। लेकिन अपने दाऊ भी कहां थमने वाले। पर क्या करें, कभी-कभी (Raman Singh) डॉक्टर साहब के तीखे बोल से उनमें उबाल होना तय है। ये भी सच है, दाऊ भी जब रमन के जवाब का देते हैं तो ‘डॉक्टर साहब’ भी तिलमिला उठते हैं।
अगर इन दोनों सियासी हस्तियों की जुबानी जंग न हो तो छत्तीसगढ़ की सियासत का कोई मायने भी नहीं है। एक-दूसरे की पार्टी और नीतियों की आलोचना से जनता को चुनाव के वक्त निर्णय लेने में आसानी होती है। गौरतलब है अपने समय में डॉक्टर रमन सिंह चावल वाले बाबा के नाम से देश में मशहूर हुए। इतना ही नहीं, 15 साल सरकार चलाए। ये अलग बात है भूपेश कांग्रेस की सरकार लाए। क्योंकि वे एक लंबे समय से भाजपा की नीतियों के खिलाफ लड़ते रहे। आखिरकार, जनता जनार्दन ने भूपेश की ताजपोशी की। वे अपने वादे धान के समर्थन मूल्य के 2500 रुपए को पूरा किया। आज अपनी सियासत और सादगी अंदाज से छत्तीसगढ़ के काका बने। इसके पीछे कारण है कि हिमाचल प्रदेश में छत्तीसगढ़ के माडल के दम पर कांग्रेस की सरकार बनवाई। बरहाल, अब वे दाऊ हैं, इन्हें अब इस नाम से जना जाने लगा है।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह अब BJP के मिशन 2023 विधानसभा चुनाव को कामयाब बनाने के लिए एक्शन मोड में आ गए हैं। अब वे भूपेश सरकार की किसी भी नीतियों को छोड़ने को तैयार नहीं है। वे पूरी तरह से हमलावार हैं। रमन सिंह 4 साल कांग्रेस सरकार के कामकाज का लेखाजोखा जनता के सामने रखने का अभियान चला रखे हैं। इस कड़ी में जब कोई मुद्दा उठाते हैं तो भूपेश उनके सवालों के जवाब को बड़े ही सधे अंदाज में तर्क के साथ देते हैं।
यही वजह भी है कि इधर बीच भूपेश और रमन में तीखी बयानबाजी होती रहती है। अब तो उन्हें भूपेश जी का जवाब डांटने वाले लगने लगा हैं। उन्होंने अपने ट्विटर लिखा, पईसा न कौड़ी, मोहल्ला ल न्यौता। जनता से सुझाव उसे मांगना चाहिए जिसमें सुझाव पर अमल करने की शक्ति हो। यहाँ तो दाऊ, छोटे-छोटे सवालों पर डांटने लगते हैं, उन्हें यह जनता बजट पर “सुझाव” नहीं बल्कि “चुनाव में जवाब” देने की तैयारी कर रही है। प्तसबसे_बड़ा_लबरा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा नेताओं पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि उन्हें झूठ बोलने में महारत हासिल है। लेकिन, अभी वो प्राइमरी क्लास में है और PHD नहीं हुए, इसलिए इनका झूठ पकड़ा जा रहा है और लोगों को भी विश्वास नहीं हो रहा है। इनकी मातृ संस्था में ही अफवाह फैलाने की ट्रेनिंग दी जाती है। लेकिन, इनका सही तरीके से ट्रेनिंग नहीं हुआ है। आरक्षण पर भाजपा नेताओं के मुंह में दही जम गया है और रासुका पर झूठी बयानबाजी कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, गुजरात मॉडल में गरीब और गरीब होता जा रहा है। लेकिन, छत्तीसगढ़ मॉडल में हम गरीब, किसान, मजदूर को पैसा दे रहे हैं, जिससे लोगों को लाभ हो रहा है। बिलासपुर के तखतपुर विधानसभा क्षेत्र में भेंट मुलाकात कार्यक्रम और अफसरों की बैठक के बाद खपरी रेस्ट हाउस में मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आरक्षण को लेकर भाजपा के छोटे से लेकर बड़े नेता बयान नहीं दे रहे हैं। यहां तक आरक्षण बिल में राज्यपाल हस्ताक्षर करें, यह अपील भी नहीं कर रहे हैं। और बात कर रहे हैं राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) का। उन्होंने रासुका पर भाजपा के बयानबाजी का जवाब देते हुए कहा कि रासुका राज्य सरकार ने नहीं बनाया है। राज्य सरकार को राष्ट्रीय कानून बनाने का अधिकार ही नहीं है और लोकसभा में पारित कानून पर बयानबाजी कर रहे हैं।
पईसा न कौड़ी, मोहल्ला ल न्यौता
जनता से सुझाव उसे मांगना चाहिए जिसमें सुझाव पर अमल करने की शक्ति हो।
यहाँ तो दाऊ @bhupeshbaghel छोटे-छोटे सवालों पर डांटने लगते हैं, उन्हें यह जनता बजट पर "सुझाव" नहीं बल्कि "चुनाव में जवाब" देने की तैयारी कर रही है। #सबसे_बड़ा_लबरा pic.twitter.com/677TfA5T5H
— Dr Raman Singh (@drramansingh) January 18, 2023