MLA संग CM का ‘मिलेट्स’ में लंच, बोले, रागी का ‘हलवा’ पसंद आया

By : madhukar dubey, Last Updated : January 4, 2023 | 9:24 pm

छत्तीसगढ़। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन मोटे अनाजों का भोज आयोजित हुआ। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आमंत्रण पर मंत्रियों-विधायकों ने बुधवार को मिलेट्स से बने व्यंजनों का लुत्फ उठाया। मुख्यमंत्री ने कहा, जल्दी ही मंत्रालय और संभागीय शहरों के सी-मार्ट में मिलेट्स कैफे खोला जाएगा। यहां पर कोदो-कुटकी और रागी से बने व्यंजन उपलब्ध होंगे। पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसे मिलेट्स कैफे खोलने का सुझाव दिया था।

छत्तीसगढ़ विधानसभा में मिलेट से बने व्यंजनों को प्रदर्शित करने तथा इसको लोकप्रिय बनाने के लिए दोपहर भोज का आयोजन हुआ। बुधवार को दोपहर के भोजन में कोदो, कुटकी और रागी के विभिन्न व्यंजनों के भोजन तैयार किये गये जिसमें छत्तीसगढ़ी व्यंजन भी शामिल रहे।

मिलेट्स लंच के मेन्यु में रागी का सूप, रागी के पकोड़े, कोदो के भजिये, बाजरा और गुड़ के पुये, कुटकी के फरे, रागी, कुटकी के चीले, बाजरे की कढ़ी, लाल भाजी, जिमी कांदा, कोदो का वेज पुलाव, ज्वार, बाजरा, रागी के रोटी और पराठे का सभी ने स्वाद लिया। इसके साथ ही रागी, कुटकी का कप केक, रागी का हलवा और कोदो की ड्राई फ्रूट्स खीर भी परोसी गई।

Milet Cm Lanch

Milet Cm Lanch

मुख्यमंत्री बोले- मुझे रागी का हलवा पसंद आया

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, मुझे रागी का हलवा बेहद पसंद आया। उन्होंने कहा, पिछले वर्ष हमने ५२ हजार क्विंटल कोदो ,कुटकी, रागी की खरीदी की है। छत्तीसगढ़ एकमात्र राज्य है जो समर्थन मूल्य पर कोदो कुटकी रागी की खरीदी कर रहा है। इससे किसानों को लाभ हुआ है साथ ही उत्पादन भी बढ़ा है। मिलेट्स का उपयोग सभी को ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए क्योंकि इसमें बहुत से पौष्टिक तत्व होते हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रायपुर में मिलेट्स कैसे खोलने का आग्रह किया था। उनके आग्रह को देखते हुए हम मंत्रालय में मिलेट्स कैफे खोल रहे हैं साथ ही संभागीय सी-मार्ट केंद्रों में भी मिलेट्स कैफे शुरू करेंगे।

कांकेर में सबसे बड़ी प्रोसेसिंग यूनिट

छ.ग राज्य लघु वनोपज संघ के माध्यम से प्रदेश में कोदो, कुटकी और रागी को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है। वर्ष २०२१-२२ में १६.०३ करोड़ के ५२ हजार ७२८ क्विंटल का कोदो, कुटकी एवं रागी की खरीदी हुई है। स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण केन्द्र स्थापित किये गये हैं। कांकेर जिले में अवनी आयुर्वेदा ने पांच हजार टन क्षमता के मिलेट प्रसंस्करण केन्द्र निजी क्षेत्र में स्थापित किया गया है। यह एशिया की सबसे बड़ी मिलेट्स प्रसंस्करण इकाई है।

दो साल से मिलेट्स मिशन चल रहा है

छत्तीसगढ़ में २०२१ से मिलेट्स मिशन चल रहा है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च, हैदराबाद (आईआईएमआर) और १४ जिला कलेक्टरों के बीच एमओयू किया गया है। आआईएमआर ने कोदो, कुटकी, रागी के अच्छी क्वालिटी के बीज उपलब्ध कराने के साथ-साथ सीड बैंक की स्थापना में मदद करने की भी जिम्मेदारी ली है। साथ ही वह किसानों को प्रशिक्षण भी दे रहा है।