बिलासपुर: छत्तीसगढ़ की अरपा-भैंसाझार सिंचाई परियोजना (Arpa-Bhainsajar Irrigation Project) में भू-अर्जन मुआवज़ा वितरण में हुई भारी अनियमितताओं को लेकर राज्य सरकार ने कड़ा कदम उठाया है। बिलासपुर जिले के कोटा के तत्कालीन SDM और भू-अर्जन अधिकारी आनंदरूप तिवारी को निलंबित कर दिया गया है।
सरकारी आदेश के अनुसार, आनंदरूप तिवारी वर्तमान में बिलासपुर जिले में परिवहन विभाग में पदस्थ थे, लेकिन अरपा परियोजना में 3.42 करोड़ रुपये की मुआवज़ा राशि में कथित गड़बड़ी के चलते उन्हें सस्पेंड किया गया।
चकरभाठा इलाके में नहर निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान एक ही खसरे की जमीन को चार अलग-अलग रकबों में बांट दिया गया, जिससे मुआवज़ा राशि को बढ़ा-चढ़ाकर पास किया गया।
प्रकाशन प्रक्रिया के बिना जमीनों को अधिग्रहण में शामिल किया गया, जो कि भू राजस्व संहिता की धारा 19 का सीधा उल्लंघन है।
इस गड़बड़ी को गुप्त तरीके से अंजाम दिया गया, ताकि कोई खुलासा न हो सके।
शिकायत मिलने के बाद मामले की कई स्तरों पर जांच हुई और सरकार को 3.42 करोड़ रुपये की आर्थिक क्षति पहुंचने की पुष्टि हुई।
इस मामले में पहले ही तत्कालीन हल्का पटवारी मुकेश साहू को निलंबित किया जा चुका है। अब जांच में पूर्व SDM आनंदरूप तिवारी की भूमिका सामने आने पर उन्हें भी निलंबित किया गया है।
मुख्यमंत्री विश्नुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने साफ किया है कि किसी भी भ्रष्ट अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह किसी भी पद पर क्यों न हो। यह कार्रवाई उसी नीति के तहत की गई है।