‘Reservation’ पर कांग्रेस का BJP पर वार, बोली, बिल रोकने की साजिश!

(reservation bill) आरक्षण बिल को अभी सियासत शांत नहीं हुई। इधर राज्यपाल ने कहा था कि मार्च तक इंतजार करिए।

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  • Updated On - January 30, 2023 / 07:23 PM IST

छत्तीसगढ़। (reservation bill) आरक्षण बिल को अभी सियासत शांत नहीं हुई। इधर राज्यपाल ने कहा था कि मार्च तक इंतजार करिए। 58 दिन बाद भी आरक्षण बिल पर अभी तक साइन नहीं होने पर अब कांग्रेस एक बार फिर हमला बोला है। जिस पर कांग्रेस ने कहा है कि प्रदेश की 90 प्रतिशत आरक्षित वर्ग की आबादी इस षड्यंत्र का जवाब भाजपा को चुनाव में देगी।

(Dhananjay Singh Thakur) प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा, छोटी-छोटी बातों को लेकर राजभवन जाने वाले भाजपा के नेता अब आरक्षण बिल रोकने के षड्यंत्र का पर्दाफाश होने के डर से राजभवन नहीं जा रहे? अपने केंद्रीय नेतृत्व के साथ मिलकर डॉ. रमन सिंह, अरुण साव, नारायण चंदेल ने आरक्षण बिल को राजभवन में रोकने का षड्यंत्र रचा है। उधर भाजपा के 9 सांसद प्रदेश के 76 प्रतिशत आरक्षण बिल के संदर्भ में पारित संकल्प को नौवीं अनुसूची में शामिल होने से रोकने षड्यंत्र कर रहे है? धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा, असल मायने में आरएसएस और भाजपा आरक्षण को खत्म करना चाहती है।

यही वजह है कि आज 58 दिन बाद भी राजभवन में उस आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर नहीं हो पाया है। भाजपा प्रदेश की जनता को गुमराह करने के लिए खुद को आरक्षण का हिमायती बताती है और जब राजभवन में आरक्षण भी लटका है तब उसी आरक्षण बिल के खिलाफ बयानबाजी कर रही है। भाजपा का यह दोहरा चरित्र प्रदेश के 90% आरक्षित वर्ग देख रहा है कि आखिर कैसे भाजपा ने उस 76% आरक्षण बिल को रोकने का षड्यंत्र किया है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, पूरा प्रदेश भाजपा के इस आरक्षण विरोधी चरित्र को देख रहा है, जनता अब भाजपा को इसका सबक सिखाएगी।

धनंजय ने कहा कि बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा, भाजपा प्रदेश में सीधे तौर पर कांग्रेस से राजनीतिक मुकाबला नहीं कर पा रही है। 15 साल के रमन शासन काल के कुशासन, भ्रष्टाचार, किसान विरोधी कृत्य पूरे प्रदेश ने देखा है। पिछले आठ साल से नरेंद्र मोदी सरकार की नाकामी-वादाखिलाफी भी प्रदेश की जनता देख रही है। ऐसे में भाजपा के पास 2023 के चुनाव में जाने के लिए मुद्दा नहीं है। ऐसे में भाजपा आरक्षण बिल को रोककर अपने राजनीतिक मंसूबे को पूरा करना चाहती है।