रायपुर. आरक्षण के मामले में संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे और बीजेपी के पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने अपने बयानों के जरिए आरक्षण मामले पर प्रदेश में राजनीति और तेज़ कर दी है.
मंत्री रविंद्र चौबे:
मंत्री चौबे ने कहा कि विपक्ष को कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद से ही विपक्ष हाय तौबा मचा रहा है। मैं यही कहूंगा कि सरकार दो कदम आगे जाकर आरक्षण के मामले में काम कर रही है। संबंधित वर्गों के संरक्षण में ये आरक्षण देने जा रही है। विपक्ष भी इसे पारित करे, संसदीय मंत्री के नाते मैं ऐसी अपेक्षा करता हूं।
मंत्री रविंद्र चौबे ने भाजपा के द्वारा वोटिंग से पहले सत्र बुलाने को लेकर कहा- हम किसी के विपक्षी दल दबाव में नहीं हैं, हम 71 के बहुमत में हैं विपक्ष के दबाव में क्यों आएंगे, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चिंता है प्रदेश के हर वर्ग की।
विपक्ष के काल में जो दस्तावेज कोर्ट में रखे गए उन दस्तावेज में सरकार ने संख्या के अधार पर आरक्षण मिले ऐसे कागज पेश नहीं किए, आरक्षण की कटौती का श्रेय किसी को जाता है तो भाजपा को जाता है। विपक्ष को हर बात चुनावी स्टंट ही लगती है। 2 तारीख को विधेयक पारित होगा, राज्यपाल से सहमति देने की बात करेंगे और जल्द से जल्द इसके लाभ लागू करवाएंगे हम।
पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर :
विधानसभा का विशेष सत्र, आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा- रविंद्र चौबे विपक्ष से विधेयक को पारित किए जाने की अपेक्षा कर रहे हैं। हम आरक्षण के अधिकार के पक्ष में हैं मगर चर्चा तो हो। एक ही दिन में विधेयक पेश कर देंगे, हम उसे पढ़ लेंगे, अभी तो हमें पता ही नहीं है कि उसमें क्या बातें हैं। उसी दिन सदन के सरकारी काम हो जाएंगे। एक ही दिन में सब क्यों, ऐसी हड़बड़ी क्यों है। चर्चा से भाग क्यों रहे हैं। पूरा सत्र बुलाएं और कर लें चर्चा।
चंद्राकर ने विशेष सत्र को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि ये सत्र 5 तारीख के पहले ही क्यों हो रहा है। क्योंकि 5 को वोटिंग है। कांग्रेस आरक्षण पर कंफ्यूज है। कांग्रेस के अधिकृत पेज में दावा कर रहे हैं कि विशेष सत्र बुलाए हैं, ये तो अवमानना हुई। यदि आरक्षण के लिए बुलाए ये पूरी तरह से चर्चा हो, ये आत्मविश्वास खो चुके हैं।