‘कांग्रेस विधायक’ पति ने लिखा, ‘मेरी पत्नी पीटती है’!, बयां किया दर्द
By : madhukar dubey, Last Updated : February 3, 2023 | 11:33 pm
अमितावो ने पत्नी के उस बयान पर पलटवार किया, जिसमें अंबिका सिंहदेव ने कहा था कि पूर्व मंत्री के अमर्यादित टिप्पणी से मेरे पति बहुत दुखी हैं, इसलिए उन्होंने उनसे राजनीति छोड़ने की अपील की है, लेकिन वे विपक्षी नेता के जैसी गंदी राजनीति करने वालों से नहीं डरेंगी।
अमितावो ने पत्नी के दावों को खारिज करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के प्रथम वित्तमंत्री रामचंद्र सिंहदेव नहीं चाहते थे कि उनके परिवार से कोई भी राजनीति में आए। बच्चों की ओर से उन्होंने लिखा कि ‘हमारी मां राजनीतिक रोटियां सेंकने में बिजी हैं, वो भी हजारों मील दूर’।
अमितावो घोष ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी विधायक पत्नी अंबिका सिंहदेव उनसे मारपीट करती हैं। आखिरी बार रायपुर में 4 जनवरी 2023 को भी उसने पिटाई की थी, मेरे पास इसके सबूत भी हैं। उन्होंने कहा कि मेरा सिर्फ एक ही कसूर है कि मैं 4 सालों से बस एक ही सवाल आपसे करता आ रहा हूं।
संसदीय सचिव के पति ने ‘मुझे भी कुछ कहना है’ पार्ट-3 जारी करते हुए कई आरोप लगाए। उन्होंने लिखा कि ”मैं चुप रहा तो गलतफहमी और बढ़ेगी। वो-वो भी सुना, जो हमने कहा ही नहीं।बशीर बद्र साहब की दो लाइन का जिक्र मैंने कल किया था, कुछ ही घंटों में वो सच निकला।”
उन्होंने लिखा कि ”मीडिया में सुना कि अंबिका जी ने कहा कि मैंने फेसबुक पोस्ट राजनैतिक टिप्पणी से नाराज होकर की है। यह थोड़ा नहीं, पूरा 100% असत्य है। हमारी शादी 1996 में हुई, 2016 तक 20 साल हुए। काका साब (डॉ रामचंद्र सिंहदेव जी) ने कभी नहीं चाहा कि उनके परिवार से कोई भी राजनीति में आए, उन्होंने खुद सक्रिय राजनीति से आपने आप को अलग कर लिया था। जो उन्हें जानते थे, वो यह भी जानते हैं किस कारण से (अभी मैं लिख नहीं रहा हूं), तो वो कौन सी मजबूरी उन्हें आ गई कि जिंदगी के आखिरी दो साल में वे अपनी भतीजी को अपना उत्तराधिकारी बनाकर चले गए?”
अमितावो यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे लिखा कि ‘2016 से पहले कितनी बार अंबिका जी बैकुंठपुर में आईं। आज उनके साथ जो लोग खड़े हैं, उनमें से कितने जन उन्हें 2016 के पहले मिले भी थे? अंबिका जी 2016 से पहले ना राजनीति और ना समाज सेवा के किसी भी काम से जुड़ी थीं।
भाई, हम आप ही के तरह परिवार वाले थे। हम-दोनों और हमारे दोनों बच्चे, यही था अपना जहां, ये इतने सारे नए चेहरे 5 साल से पहले तो कभी नहीं दिखे। आज अभी थोड़ी देर पहले (लंदन के सुबह 6 बजे) मेरे दोनों बेटे नाइट शिफ्ट करके घर लौटे। यहां सब काम करते हैं। बात वो नहीं है, बात यह है कि घर पर एक मां होती है, जो बच्चों को गरम रोटी बनाकर खिलाती है, हमारे घर में वो मां नहीं है साब, हमारी मां राजनीति की गरम रोटियां सेंकने में बिजी है हजारों मीलों दूर… एक और बात कि महिला की अवमानना का जिक्र छिड़ चुका है, यह विवाद क्यों उठाया जाता है, जब-जब किसी मुद्दे का जवाब आपके पास नहीं होता है?
सवाल मुद्दे का है, लिंग का नहीं। इसी के चलते तो मैं पिछले 2 साल में 3 बार पिट गया हूं आपके विधायक जी से (मेरे पास evidence है, आखिरी बार Jan 4th 2023 को रायपुर में। जब मैंने अपने जख्म की फोटो भेजी, तो उन्होंने WatsApp पर ‘sorry’ भी लिखा। मेरा कसूर बस इतना है के मैं एक ही सवाल 4 सालों से करता आ रहा हूं कि “आप यह सब क्यों कर रहें हो ?”
सुना है साहब मां-बाप के कर्मों का फल बच्चों को मिलता है, मानता भी हूं, बहुत मुश्किलों का सामना करते हुए मैं और आपके विधायक जी हमारे दोनों बच्चों की परवरिश कर रहे थे। अचानक एक हवा का झोंका आया और हमारा घोंसला ही चकनाचूर कर दिया। बात परिवार की है, इज्जत की है, मेरी जगह आप होते तो क्या करते? आज बस इतना ही …
अमितावो ने लिखा कि एक आखिरी बात .. ”मैं यह FB पोस्ट अगले शुक्रवार 10 फरवरी तक ही करूंगा। उसके बाद या तो Live में आकर और अच्छा होगा कि बैकुंठपुर में आकर आपके सवालों का जवाब दूंगा। मैं जिंदगी में कभी किसी से डरा नहीं और आज मेरे साथ मेरा वो जिंदगी ही नहीं, तो डर किस बात का।