कांग्रेस बोली, झीरम का सच सामने लाने NIA रमन सिंह, मुकेश गुप्ता का नार्को टेस्ट कराए!

By : madhukar dubey, Last Updated : May 24, 2023 | 9:16 pm

रायपुर। झीरम शहादत की 10वीं वर्षगांठ (10th Anniversary of Jheeram Martyrdom) के समय भाजपा नेताओं द्वारा की गयी बयानबाजी बेहद ही स्तरहीन और आपत्तिजनक है। प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला (Sushil Anand Shukla) ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, भाजपा प्रवक्ता अजय चंद्राकर ने जीरम मामले में बयानबाजी कर भाजपा बेशर्म चरित्र को प्रदर्शित किया है। झीरम घाटी हमला एक ऐसा हत्या कांड था जिसने कांग्रेस के नेतृत्व की एक पूरी पीढ़ी को ही समाप्त कर दिया था। स्वतंत्र भारत में हुई दुर्दान्त और हृदय विदारक घटना भारतीय जनता पार्टी के शासन काल में डॉ. रमन सिंह के राज में घटित हुई थी। इस क्रूर हत्याकांड के लिये भाजपा और उसकी राज्य सरकार जिम्मेदार है। इस मामले में खुलासे के लिये जरूरी है कि रमन सिंह सहित तत्कालीन गृह मंत्री, तत्कालीन जिम्मेदार पुलिस के अधिकारियों का नार्को टेस्ट कराया जाये।

झीरम की सच्चाई सामने लाने एनआईए जीरम की फाइल एसआईटी को सौंपे

प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा झीरम की जांच नहीं होने देना चाहती है। जीरम न्यायिक आयोग की जांच पर रोक का पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक स्टे लेकर आये थे है। भाजपा डरती है जीरम का सच सामने आ जायेगा तो वह बेनकाब हो जायेगी। रमन सिंह से बड़ा क्रूर शासक आजाद भारत में आज तक नहीं हुआ। एक साथ विपक्ष के 31 नेताओं की हत्या हो गयी और तत्कालीन सरकार सच सामने आने देने से रोकने में पूरी ताकत लगा रखी थी। भाजपा के बड़े नेता जीरम की जांच को रोकने लगातार कोशिशें कर रहे उसमें साफ हो रहा जीरम के पीछे तत्कालीन भाजपा सरकार की भूमिका संदिग्ध है।

कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने भाजपा से जवाब मांगा-

भाजपा जवाब दें

 भाजपा बतायें कि कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा की सुरक्षा को घोर नक्सल इलाकों से क्यों हटा दिया गया था? यात्रा की सुरक्षा हटाने के आदेश किस अधिकारी ने दिया था? यात्रा की सुरक्षा हटाने के लिये किस नेता ने अधिकारी से कहा था?

 जीरम शहीदों के पीड़ित परिवार उस समय सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे विधानसभा में घोषणा के बाद भी रमन सरकार ने सीबीआई जांच की अनुशंसा क्यों नहीं किया था?

 जीरम के पीड़ित परिवारों को तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह मिलने के लिये क्यों रोक दिया गया था?

 रमन सरकार के समय न्यायिक जांच के लिये गठित न्यायिक आयोग के जांच के बिन्दु में राजनैतिक षड़यंत्र को क्यों नहीं जोड़ा गया था?

 एनआईए ने जीरम की जांच को बंद कर दिसंबर 2018 के पहले ही क्लोजर रिपोर्ट लगा दिया था जैसे ही कांग्रेस की सरकार जीरम की जांच के लिये एसआईटी का गठन किया, आनन-फानन में एनआईए ने जांच क्यों शुरू कर दिया? एनआईए जीरम की फाइल एसआईटी को क्यों नहीं दे रही है?

 कांग्रेस की सरकार ने जब जीरम न्यायिक आयोग का कार्यकाल बढ़ाया तो तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक हाई कोर्ट से स्टे क्यों लेकर आये थे? धरमलाल कौशिक क्यों जीरम की जांच रोकना चाहते है?

 एनआईए ने नक्सलवादी नेता गणपति और रमन्ना से पूछताछ क्यों नहीं किया?

 एनआईए ने रमन सिंह, तत्कालीन गृह मंत्री से पूछताछ क्यों नहीं किया?

कांग्रेस की मांग

1 एनआईए जीरम मामले की फाइल एसआईटी को सौंपे ताकि एसआईटी इसकी जांच कर सकें।

2 परिवर्तन यात्रा की सुरक्षा क्यों हटाया इसको जानने के लिये जीरम हमले के समय मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह एडीजी नक्सल मुकेश गुप्ता तत्कालीन पदस्थ उच्च अधिकारियों का नार्को टेस्ट होना चाहिये।

3 जांच एजेंसी एनआईए रमन सिंह एवं अन्य का नार्को टेस्ट कराये या एनआईए राज्य सरकार द्वारा जीरम की जांच के लिये गठित फाइल वापस करें ताकि एसआईटी नार्को टेस्ट करवा सके।

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