पटना, 9 दिसंबर (आईएएनएस)। तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार बिहार में राजद और जदयू (RJD and JDU in Bihar) जैसे क्षेत्रीय दलों के लिए वरदान बनकर आई है। राजद थिंक टैंक का मानना है कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में खराब प्रदर्शन के बाद कांग्रेस अब विपक्षी ‘इंडिया’ गुट (India faction) में क्षेत्रीय दलों पर अपनी शर्तें थोपने की स्थिति में नहीं रहेगी।
उन्होंने कहा, “अगर सबसे पुरानी पार्टी ने सीट बंटवारे और चुनाव प्रचार के दौरान अखिलेश यादव, नीतीश कुमार और लालू यादव जैसे नेताओं को साथ लिया होता, तो उसने मतदाताओं के सामने एकजुट भारत की तस्वीर पेश की होती और उन्होंने अलग तरीके से वोट दिया होता।
लेकिन, ऐसा नहीं था और वोट प्रतिशत समान रहने के बावजूद कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। कांग्रेस पार्टी उन तीन राज्यों में चुनाव हार गई है, जहां वह अकेले चुनाव लड़ी थी, तो हमें उम्मीद है कि वह विभिन्न राज्यों में राजनीतिक दलों की प्रमुखता के अनुसार चुनावी रणनीति बनाने पर सहमत होगी।”
गगन ने कहा, “बहुत से लोग कह रहे हैं कि ईवीएम विसंगतियां केवल मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ही क्यों सामने आईं और तेलंगाना में क्यों नहीं? मैं कहना चाहता हूं कि भाजपा व्यापारियों के नियमों का पालन करती है। अगर आप हर जगह जीतते हैं तो लोग आपको चुनौती देंगे। अगर आप तीन राज्यों में जीतते हैं और एक हार जाएं तो कोई भी आपको चुनौती नहीं दे सकता। यहां भाजपा के साथ भी यही हो रहा है।”
जब उनसे पूछा गया कि वे इस स्थिति से कैसे निपटेंगे, खासकर लोकसभा चुनावों में, जो भाजपा के लिए करो या मरो की लड़ाई है, तो गगन ने कहा, “इंडिया के पक्ष में वोटों का प्रतिशत बढ़ाना ही एकमात्र समाधान है।”
लालू प्रसाद यादव के राहुल गांधी को “दूल्हा” कहने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गगन ने कहा कि राजद नेता ने यह नहीं कहा कि राहुल गांधी इंडिया ब्लॉक के प्रधान मंत्री पद के उम्मीदवार होंगे। गगन ने कहा, “हमारा गठबंधन भाजपा की तरह नहीं है, जहां केवल नरेंद्र मोदी और अमित शाह ही सारी सत्ता पर नियंत्रण रखते हैं। ये कहना कि राहुल गांधी ‘दूल्हा’ हैं, ऐसा नहीं है। हमारा स्पष्ट मानना है कि लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद प्रधानमंत्री चुना जाएगा।”