रायपुर। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा (Senior spokesperson of Congress Committee Surendra Verma) ने कहा है कि मोदी राज में देश में खुदरा महंगाई (Retail inflation in the country under Modi rule) दर लगातार आरबीआई की अधिकतम टॉलरेंस लेवल (6 प्रतिशत) से अधिक बना हुआ है जो चिंताजनक है। एजेंसियों पर अनुचित दबाव बनाकर आंकड़े छुपाने और गणना के तरीके को परिवर्तित करने के बावजूद स्थिती बदहाल है। मोदी सरकार के कुप्रबंधन के चलते ही देश की अर्थव्यवस्था उल्टे पांव भाग रही है। देश पर कुल कर्ज का भार 2014 की तुलना में 3 गुना अधिक हो गया है।
देश की जनता से 3 गुना अधिक कर वसूली और देश के संसाधन बचने के बावजूद देश पर कर्ज का भार क्यों बढ़ा गया? बढ़ती गरीबी, बढ़ती भुखमरी और असमानता यह प्रमाणित करता है कि मोदी सरकार की प्रथमिकता देश और देश के आम जनता की समृद्धि के बजाय केवल चंद पूंजीपति मित्रों का मुनाफा बढ़ाना है। उन्हीं मित्रों का लाखों करोड़ के बैंक लोन का राइट ऑफ भी, कार्पोरेट को कर राहत भी लेकीन आम जनता के लिए कुछ नहीं। ईंधन और बिजली की महंगाई दर अगस्त 2023 में 3.67 प्रतिशत से बढ़कर 4.3 प्रतिशत हो गई है। जुलाई 2023 में खुदरा महंगाई दर 15 महीने के अपने सर्वोच्चतम शिखर पर रही।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि महंगाई कम करने और रोज़गार देने में मोदी सरकार पूरी तरह से विफल रही है। 10 लाख से अधिक पद केंद्रीय विभागों में खाली है, 2 लाख 93 हजार से ज्यादा पद केवल रेलवे में खाली है, 2 लाख 64 हजार पद रक्षा(सिविल) विभाग में रिक्त है, केंद्रीय गृह विभाग में 1 लाख 43 हजार पद रिक्त, राजस्व में 80,243 पद खाली, भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा विभाग में 25 हज़ार 934 पद रिक्त हैं, सरकारी उपक्रम और नवरत्न कंपनियों को मिलाकर कुल रिक्तियां 18 लाख से अधिक है, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार युवाओं को नौकरी देने के बजाय देश के संसाधन, देश के सार्वजनिक उपक्रमों को बेचकर युवाओं के सरकारी नौकरी में रोजगार के अधिकार को बेच रही हैं।
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