कांग्रेस की ‘वोट चोर-गद्दी छोड़’ सभा में फूट, बीजेपी ने किया तंज
By : dineshakula, Last Updated : September 10, 2025 | 4:43 pm
By : dineshakula, Last Updated : September 10, 2025 | 4:43 pm
बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने बुधवार को मोदी सरकार के खिलाफ ‘वोट चोर-गद्दी छोड़’ (vote chor) सभा का आयोजन किया, लेकिन इस सभा में कांग्रेस के अंदरूनी विवाद और खींचतान खुले तौर पर सामने आ गए। सभा के मंच से एकता का संदेश देने की उम्मीद थी, लेकिन सचिन पायलट की मौजूदगी में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के बीच विवाद ने सभा की गंभीरता पर सवाल खड़े कर दिए।
बीजेपी प्रवक्ता अमित चिमनानी(Amit Chimnani) ने इस घटनाक्रम पर तंज करते हुए कहा, “कांग्रेस के नेता प्रदर्शन करने गए थे, लेकिन अपनी फजीहत करवा आए। यह सभा थी या जंग का मैदान? कांग्रेस के नेता मंच से एक-दूसरे को नीचा दिखा रहे थे। इससे साफ है कि पार्टी अंदर से टूट चुकी है।”
आदिवासियों की घोर विरोधी कांग्रेस,आदिवासियों को पल पल अपमानित करती कांग्रेस..कांग्रेस के आदिवासी नेताओं का अपमान करना ,भाजपा के आदिवासी नेताओं के साथ षडयंत्र करना यही कांग्रेस का काम है कांग्रेस के दिग्गज आदिवासी नेता अमरजीत भगत को सरेआम जलील किया गया @kcvenugopalmp @RahulGandhi pic.twitter.com/eQmx1vYyjd
— CA AMIT CHIMNANI (@caamitchimnani) September 9, 2025
सभा में पूर्व मंत्री अमरजीत भगत, जो आदिवासी समुदाय के प्रमुख नेता माने जाते हैं, को माइक से भगा दिया गया। उनका भाषण रोकते हुए प्रदेश सहप्रभारी विजय जांगिड़ ने उनका माइक छीन लिया, और यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। भगत जैसे ही मंच से भाषण दे रहे थे, सचिन पायलट, डॉ. चरणदास महंत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव मंच पर पहुंचे, और भगत को उनका भाषण खत्म करने का आदेश दिया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभा में बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा, “चुनाव के समय पूरा माहौल कांग्रेस के पक्ष में था। भाजपा के नेता भी अपनी सीट पर संशय में थे। लेकिन, सत्ता पलटने के लिए वोट चोरी किया गया, जैसे महाराष्ट्र में हुआ था।” बघेल ने यह भी कहा कि कांग्रेस की हार का कारण काम न करना नहीं था, बल्कि ‘वोट चोरी’ था।
इसी बीच, कांग्रेस के पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने अप्रत्यक्ष रूप से नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत पर निशाना साधते हुए कहा, “हमारे कार्यकर्ता किसी के निजी अनुयायी या चमचे नहीं हैं। हमें एकजुट होकर पार्टी को मजबूत करना होगा।” डहरिया ने यह भी कहा कि कांग्रेस को अपने अंदर की खामियों को पहचानकर पार्टी के हित में काम करना चाहिए, न कि अपने ही साथियों की आलोचना करनी चाहिए।
सचिन पायलट की उपस्थिति में यह अंदरूनी विवाद पार्टी के लिए नई चुनौती बन गया है, और यह घटनाक्रम कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच गहरी नाराजगी की ओर इशारा करता है। बीजेपी ने इसे कांग्रेस के अंदर की फूट और अस्थिरता के रूप में देखा, जो पार्टी के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन सकता है।