रायपुर। वन मंत्री मोहम्मद अकबर के दिशा-निर्देश के अनुरूप राज्य में विभाग द्वारा मानव-हाथी द्वंद पर नियंत्रण (Controlling human-elephant conflict) के लिए जन-जागरूकता लाने सहित अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इस तारतम्य में वनमण्डल बालोद अंतर्गत गत दिवस 29 सितम्बर को एनिमल ट्रैकिंग एप का एक दिवसीय वनमण्डल स्तरीय कार्यशाला का आयोजन (Organizing a Workshop) किया गया।
कार्यशाला में उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व की टीम द्वारा एप की जानकारी वनमण्डल बालोद के सभी फील्ड स्टाफ एवं हाथी मित्र दल को दिया गया। वनमंडलाधिकारी बालोद श्री आयुष जैन ने बताया कि इस एप के माध्यम से छत्तीसगढ़ में विचरण कर रहे हाथी के लोकेशन ट्रेस करने में मदद मिलेगी। जिससे हाथी द्वारा विचरण किए जा रहे रूट का डाटा एप में स्टोर हो जाएगा। इसके सफल क्रियान्वयन से मानव-हाथी द्वंद को रोकने में भरपूर सहायता मिलेगी।
इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख व्ही.श्रीनिवास राव ने बताया कि छत्तीसगढ़ के हाथी प्रभावित इलाकों में ग्रामीणों को सतर्क करने के लिए वन प्रबंधन सूचना प्रणाली (एफएमआईएस) और वन्यजीव विंग द्वारा संयुक्त रूप से इस एप को विकसित किया गया है। यह एप एलीफैंट ट्रैकर्स (हाथी मित्र दल) से प्राप्त इनपुट के आधार पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एआई पर काम करता है।
इस एप का उद्देश्य हाथी ट्रैकर्स द्वारा की जाने वाली ‘मुनादी’ के अलावा प्रभावित गांव के प्रत्येक व्यक्ति को मोबाइल पर कॉल, एसएमएस, व्हाट्सएप अलर्ट के भेजकर हाथियों की उपस्थिति के बारे में सूचना पहुंचाना है। इस तरह विभाग द्वारा जंगली हाथियों के साथ साहचर्य हेतु ग्रामीणों में जनजागरूकता, प्रचार-प्रसार एवं ग्रामीणों को शिक्षा तथा उनके साथ द्वंद से बचने के लिए उपायों को आदान-प्रदान करने पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है।
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