—मुख्यमंत्री ने ली थी 33 जिलों के कलेक्टरों और एसपी की जमकर क्लास
—सीएम के बदले तेवर की चर्चा जनता के बीच सुपरहीट
—-हटाए गए कलेक्टर-एसपी के रहस्य भी ज्यादा देर छिपे नहीं रहे
—अभी आठ और अफसरों की तैयार हो रही है सूची
रायपुर। आज सीएम विष्णुदेव साय ने पाठय पुस्तक निगम(Text Book Corporation) के जनरल मैनेजर को निलंबित करने का फरमान सुना दिया है। मामला यह है कि स्कूलों में फ्री में बांटी जाने वाली पुस्तकों को कबाड़ में बेच दिया गया था। इसकी सूचना मिलने पर साय ने कड़ा कदम उठाया है। अभी हाल में साय ने एसपी-कलेक्टरों की विडियो कांफ्रेंसिंग में भी दो असफरों को हटाने का फरमान सुनाया था।
राजधानी रायपुर के नए सर्किट हाउस में 12 और 13 तारीख को कलेक्टर्स-एसपी का कांफ्रेंस चला। दो दिनों तक मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आला अफसरों के साथ 33 जिलों के कलेक्टरों और एसपी की क्लास ली। इस दौरान कुछ जिलों के कलेक्टर्स और एसपी के काम पर सीएम ने असंतोष जाहिर करते हुए प्रदर्शन सुधारने का निर्देश दिया।
कहा जा रहा है कि इस बैठक के आधार पर कुछ कलेक्टर और एसपी बदले जा सकते हैं। ऐसे में आज जैसे ही एसपी ट्रांसर्फर(SP Transfer) की खबर आई तो प्रशासनिक गलियरे में चर्चा शुरू हो गई। कितने जिलों के एसपी बदले जाएंगे, एक कलेक्टर और एसपी तो नप गए, पर अभी 8 अफसरों की सूची और भी तैयार हो रही है।
बहरहाल, हटाए गए कलेक्टर-एसपी के रहस्य भी ज्यादा देर छिपे नहीं रहे। पता चला कि केवल एक जिला के एसपी बदले गए हैं। गृह विभाग से जारी इस आदेश में मुंगेली के एसपी गिरिजा शंकर को हटाकर उनके स्थान पर भोजराम पटेल को वहां का एसपी बनाया गया है। गिरिजा शंकर 2010 बैच के आईपीएस है। डीआईजी रैंक पर हैं और यह उनका चौथा जिला था। उन्हें पीएचक्यू बुला लिया गया है। अब लोग इस एक मात्र एसपी को हटाए जाने के कारण तलाशने लगे। कलेक्टर्स कांफ्रेंस में मौजूद अफसरों से पूछा गया कि क्या मुंगेली के ला एंड आर्डर को लेकर कुछ गंभीर बात हो गई थी, तो पता चला कि बैठक में मुंगेली एसपी के प्रदर्शन पर कोई खास टिका टिप्पणी नहीं हुई है तो फिर गिरिजा शंकर हटा क्यों दिए गए ?।
शांति दूतों को उड़ाने से जुड़ी है कहानी…
मुंगेली एसपी को हटाने जाने की पटकथा करीब 2 महीने पुरानी है। मामला 15 अगस्त को शांति दूतों (कबूतरों) को उड़ाने से जुड़ा है। बता दें कि 15अगस्त को मुंगेली में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में मुंगेली एसपी के हाथ से कबूतर उड़ नहीं पाया था, बल्कि उनके हाथ से निकल कर कबूतर गिर गया। कुछ लोग ने कहा कि एसपी को मरा हुआ कबूतर थमा दिया गया था, लेकिन बाद में पता चला की वह बीमार था। ईलाज के बाद वह उड़ गया। इस घटना को लेकर एसपी और कलेक्टर के बीच में कथित तनातनी की भी खबरें आई। एसपी ने कलेक्टर को पत्र लिखकर इसकी जांच करने के लिए कहा था।