छत्तीसगढ़। (Chhattisgarh) छत्तसीगढ़ में देश का पहला पीपीपी मॉडल में एथेनॉल संयत्र (ethanol plant) का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। ये प्लांट इसी साल अप्रैल से कबीरधाम जिले में भोरमदेव शक्कर कारखाने के पास शुरू हो गया है और गन्ने से शुरू में रोजाना प्रतिदिन ४० हजार लीटर एथेनॉल का होगा उत्पादन होगा। यह पीपीपी मॉडल से बनने वाला देश का पहला एथेनॉल प्लांट होगा। इसके निर्माण कार्य 80 प्रतिशत पूरा हो गया है। इसकी जानकारी आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने ट्विटर एकाउंट पर दी है।
गौरतलब है कि ग्लोबल टेंडर के बाद भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने तथा एनकेजे बॉयोफ्यूल के बीच एग्रीमेंट हुआ है। सीजन में गन्ने के रस से तथा ऑफ सीजन में मोलासिस से एथेनॉल बनेगा। मुख्यमंत्री भूपेश की निगहबानी में इसकी रूपरेखा खींची गई थी। कवर्धा में भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना के पीछे एथेनॉल प्लांट लगाने के लिए मार्च २०२० में ही प्रदेश के मंत्रीमंडल ने इसे मंजूरी दी थी।
एथेनॉल को पेट्रोल और डीजल में मिलाने के लिए केंद्र सरकार से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। विशेषज्ञों के मुताबिक यहीं एथेनॉल के उत्पादन से राज्य में पेट्रोल-डीजल के रेट में कमी आ सकती है। हालांकि एथेनॉल के इस्तेमाल से गाड़ियों के इंजन की उम्र भी बढ़ती है। इसके अलावा, छत्तीसगढ़ के किसानों से ज्यादा से ज्यादा गन्ना खरीदना होगा। यानी उन्हें फसल की ज्यादा और पूरी कीमत मिल पाएगी।
छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में बन रहा है देश का पहला 'PPP-मॉडल' का एथेनॉल प्लांट।
अप्रैल 2023 में शुरू होगा प्लांट, 80% कार्य पूर्ण। pic.twitter.com/UtKURTessV— INC Chhattisgarh (@INCChhattisgarh) January 13, 2023
कवर्धा जिले के भोरमदेव कारखाने के सामने तस्वीर में दो सौ से ज्यादा गन्ने से भरे ट्रैक्टर दिख रहे हैं, हालांकि रोज ट्रैक्टरों की करीब पांच सौ पर्चियां कट रही हैं। इसी का रस शक्कर कारखाने से वहीं लगे ३५ एकड़ में बन रहे एथेनॉल प्लांट में जाएगा। यह ८० फीसदी बन चुका है। कवर्धा जिले में ३० हजार हेक्टेयर में गन्ना लगाया जाता है। यहां ४५० छोटी गुड़ फैक्ट्रियां हैं, जिनमें २५० चालू हैं।