सरेंडर नक्सल दंपति से डिप्टी सीएम शर्मा ने विडियो कालिंग कर 10वीं पास होने पर बधाई देते हुए कहा-घर आऊंगा तो भाजी खिलाना..

ठीक है बहन, घर आऊंगा तो खाना खिलाओगी न...भाजी बनाना....ये बात छत्तीसगढ़ के डिप्टी CM और गृह मंत्री विजय शर्मा वीडियो कॉल पर आत्मसमर्पित

  • Written By:
  • Updated On - May 18, 2024 / 04:51 PM IST

उप-मुख्यमंत्री शर्मा ने 10वीं की परीक्षा पास करने वाले पूर्व नक्सली युवा को वीडियो कॉल कर दी बधाई

उपमुख्यमंत्री शर्मा ने भटके हुए लोगों से की अपील, मुख्यधारा में लौटकर अपना जीवन संवारे

रायपुर, 18 मई 2024/उप-मुख्यमंत्री व गृह मंत्री विजय शर्मा (Home Minister Vijay Sharma) ने आज वीडियो कॉल कर कबीरधाम के उस युवा लिवरु उर्फ दिवाकर से बात की, जो कभी 14 लाख का इनामी नक्सली था ((Surrendered Naxalite couple)), लेकिन अब समाज की मुख्यधारा से जुड़कर अपना भविष्य संवारने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए पुलिस के सहयोग से 10वीं की परीक्षा पास कर ली है। उप-मुख्यमंत्री शर्मा ने बड़ी आत्मीयता के साथ लिवरु से बात की, उनकी इस सफलता के लिए हार्दिक बधाई और उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए उनका हौसला बढ़ाया।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार

  • मुख्यमंत्रीविष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को खत्म करने के लिए कृत संकल्पित है । लेकिन हमारा यह दृढ़ विश्वास है कि यह कार्य बिना खून खराबा के हो । इसके लिए आदिवासी क्षेत्रों में विकास के लिए “नियद नेल्लानार योजना” मतलब “आपका अच्छा गांव” योजना की शुरुआत की है। जिससे नक्सल प्रभावित क्षेत्र का विकास शहरी क्षेत्र के समान किया जा रहा है इसके साथ ही सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति से भी नक्सली प्रभावित होकर बंदूक छोड़ रहे हैं। और मुख्य धारा में शामिल हो रहे हैं।
    उप-मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा है कि हमारे जो भी भाई बहन रास्ता भटककर नक्सली गतिविधियों से जुड़े हैं वे लिवरु उर्फ दिवाकर से प्रेरणा लें और मुख्यधारा में लौटकर अपने जीवन में भी सुखद परिवर्तन लाएं। हमारी सरकार और हमारी पुलिस हर तरह से सहयोग करने को तैयार है।

गौरतलब है कि दिवाकर ने महज 16 साल की उम्र में हथियार उठा लिया था। नक्सली के रूप में 17 वर्षों तक जंगल-जंगल भटकने के बाद अपनी पत्नी के साथ पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था। उनकी पत्नी पर 8 लाख रुपये का इनाम था। सरकार की पुनर्वास नीति के तहत आज वे समाज की मुख्यधारा से जुड़कर काम कर रहे हैं।
उप-मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने इस बात के लिए प्रसन्नता व्यक्त की है कि कबीरधाम पुलिस की पहल और मदद से जिले के नक्सल प्रभावित गांवों के 105 छात्रों ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा पास कर ली है।

शर्मा ने सभी को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कबीरधाम पुलिस की सराहना की है। कबीरधाम पुलिस ने जिले के सुदूर वनांचल क्षेत्र और अति नक्सल प्रभावित गांवों के बच्चों को शिक्षित करने और उनकी पढ़ाई लिखाई जारी रखने के लिए 200 से अधिक बच्चों को कक्षा 10वीं व 12वीं का ओपन परीक्षा का फॉर्म भरावाया था। पुलिस विभाग की कड़ी मेहनत और लगन से आज 105 विद्यार्थी परीक्षा में पास हुए हैं। ये सभी विद्यार्थी नक्सल प्रभावित क्षेत्र के चिल्फी, तरेगाव, रेंगाखार झलमला, बोड़ला के सुदूर वनांचल गांव के हैं।

  • ठीक है बहन, घर आऊंगा तो खाना खिलाओगी न…भाजी बनाना….ये बात छत्तीसगढ़ के डिप्टी CM और गृह मंत्री विजय शर्मा  वीडियो कॉल पर आत्मसमर्पित नक्सली दंपती (Surrendered Naxalite couple) से कह रहे थे। शर्मा ने 10वीं की परीक्षा पास (Pass 10th exam) करने वाले पूर्व नक्सली दिवाकर और उसकी पत्नी से बात की। सरेंडर के बाद दोनों आम जिंदगी जी रहे हैं।

दिवाकर ने स्कूल जाने की उम्र में नक्सलियों का साथ चुन लिया था। बंदूक उठा ली थी और कई बड़ी नक्सल वारदातों में शामिल था। कुछ महीने पहले सरेंडर के बाद दिवाकर ने पढ़ाई शुरू की। इस साल 10वीं की परीक्षा दी, पास भी हुआ तो गृहमंत्री ने वीडियो कॉल पर बात की। इस दौरान कवर्धा SP अभिषेक पल्लव भी मौजूद रहे।

पढ़ाई की बात सुन चौंक गए डिप्टी CM

पूर्व नक्सली दिवाकर से वीडियो कॉल पर विजय शर्मा ने पूछा कैसे तैयारी की। दिवाकर ने कहा दिनभर पढ़ता था। रात में खाना खाकर फिर पढ़ता था। ये सुनकर शर्मा हैरान हुए और कहा अरे वाह। उन्होंने कहा कि दिवाकर भैया, रायपुर आओ तो मिलना।

इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मैं बाकी साथियों से भी अपील करता हूं कि वे बुलेट का रास्ता छोड़कर बैलेट का रास्ता चुनें, हम हरसंभव मदद कर रहे हैं।

पति-पत्नी दोनों पर लाखों का इनाम

डिप्टी सीएम और गृह मंत्री विजय शर्मा से वीडियो कॉल कर बात कर रहे लिवरु उर्फ दिवाकर पर कभी 14 लाख का इनाम था। सरेंडर के बाद पुलिस के सहयोग से इसने 10वीं की परीक्षा पास की। दिवाकर ने महज 16 साल की उम्र में हथियार उठा लिया था।

नक्सली के रूप में 17 सालों तक जंगल-जंगल भटकने के बाद अपनी पत्नी के साथ पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था। पत्नी पर 8 लाख रुपए का इनाम था। सरकार की पुनर्वास नीति के तहत अब दोनों समाज की मुख्यधारा से जुड़कर काम कर रहे हैं।

नक्सली आत्मसमर्पण कर समाज में अपनी पहचान बन रहे

गृह मंत्री शर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार की नीति से प्रभावित होकर राज्य के नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं और समाज में अपनी एक अलग पहचान बना रहे हैं। उन्होंने इस बात पर भी खुशी जताई है कि कबीरधाम पुलिस की पहल और मदद से जिले के नक्सल प्रभावित गांवों के 105 छात्रों ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा पास कर ली है। शर्मा ने कबीरधाम पुलिस की भी सराहना की है।

कबीरधाम पुलिस ने 2 सौ बच्चों को दिलाई थी परीक्षा

दरअसल, कबीरधाम पुलिस ने जिले के वनांचल और अति नक्सल प्रभावित गांवों के बच्चों को शिक्षित करने और उनकी पढ़ाई-लिखाई जारी रखने के लिए 200 से ज्यादा बच्चों को कक्षा 10वीं और 12वीं की ओपन परीक्षा का फॉर्म भरवाया था। 105 बच्चे परीक्षा में पास हुए हैं। ये सभी नक्सल प्रभावित क्षेत्र के चिल्फी, तरेगाव, रेंगाखार झलमला, बोड़ला के रहने वाले हैं।

https://x.com/i/status/1791722901470871656

यह भी पढ़ें : स्‍वाति मालीवाल मामले में दिल्‍ली पुलिस ने बिभव कुमार को हिरासत में लिया