छत्तीसगढ़ की जेलों में कैदियों के बीच संघर्ष पर होई कोर्ट ने पूछे सवाल, डीजीपी से मांगा शपथ पत्र
By : madhukar dubey, Last Updated : November 27, 2024 | 8:48 pm
सुनवाई में पुलिस महानिदेशक (जेल) ने 2018 से लेकर 2024 तक जेलों के निर्माण और कैदियों की संख्या की स्थिति को लेकर तुलनात्मक सुधार का ब्यौरा पेश किया गया। प्रदेश की जेलों के निर्माण में देरी को लेकर याचिकाकर्ता के वकील ने अपना पक्ष रखा। वहीं कोर्ट ने निर्माणाधीन जेल की समय सीमा को लेकर निर्देश दिए हैं। वहीं जेल में कैदियों की बीच संघर्ष के मामले में कोर्ट ने डीजी जेल से शपथपत्र में जवाब मांगा है। वहीं इस मामले में अगली सुनवाई 16 जनवरी 2025 को तय की गई है।
मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश अमितेंद्र किशोर प्रसाद की बेंच में सुनवाई हुई। जिसमें बेंच के 5 नवंबर 2024 के आदेश की परिपालन में पुलिस महानिदेशक जेल ने हलफनामा पेश किया। जिसमें 2018 और वर्तमान स्थिति में जेलों के निर्माण और कैदियों की संख्या का विवरण था। इसमें यह तथ्य निकलकर आया कि वर्तमान में 33 नए बैरक 8 जेलों में निर्माणाधीन हैं। जिसकी क्षमता 1650 होगी। वहीं बेमेतरा में 2000 कैदियों के लिए ओपन जेल बनाई जा रही है। शपथ पत्र में बताया गया कि रायपुर में 4000 क्षमता वाला स्पेशल जेल और 1500 क्षमता वाला बिलासपुर में बनाया जाना है। सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव ने पूछा की स्पेशल जेल क्या होती है..? वहीं पुलिस महानिदेशक से इसकी जानकारी ली है। कोर्ट ने जेल के भीतर लॉ एंड ऑर्डर को बरकरार रखने के निर्देश भी दिए हैं। वहीं अगली सुनवाई 16 जनवरी 2025 को रखी गई है।
यह भी पढ़ें: क्यों अब कांग्रेस नहीं लड़ेगी चुनाव ? लखमा ने खोले राज कहा-अब बैलेट से हो चुनाव