एनएमसी ने दिया आदेश
रायपुर। प्रदेश में दूसरों के रजिस्ट्रेशन नंबर पर अन्य डॉक्टर प्रैक्टिस कर रहे हैं। यही नहीं वे निजी अस्पताल खोलकर मरीजों का इलाज भी कर रहे हैं। ऐसे डॉक्टरों पर शिकंजा कसने के लिए अब छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल(Chhattisgarh Medical Council) (सीजीएमसी) अब हर 5 साल में पंजीयन का नवीनीकरण(Renewal of registration after 5 years) करेगी। नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) का आदेश आ चुका है, इसे जल्द लागू किया जाएगा।
यह आदेश लागू होने के बाद फर्जी डॉक्टरों पर लगाम लगने की संभावना है। प्रदेश में दूसरे डॉक्टरों के लाइसेंस या पंजीयन पर प्रैक्टिस करना या अस्पताल खोलने के कई मामले सामने आए हैं। बिलासपुर के मामले में तो डॉक्टर का पंजीयन भी नहीं है। यह गंभीर मामला है।
मामले की जांच करने पर पता चलेगा कि उक्त डॉक्टर की लापरवाही से कितने मरीजों की जान गई होगी। उसके गायब होने से मामला संदिग्ध भी हो गया है। अगर युवक जनरल सर्जरी एसोसिएशन में रजिस्ट्रेशन कराने नहीं पहुंचता तो मामले का खुलासा ही नहीं होता।
सीएमएचओ के पास भी उक्त युवक के बारे में कोई जानकारी नहीं है। सीजीएमसी काउंसिल की पड़ताल में पता चला कि युवक का कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है। ऐसे ही छुरा के मामले में एक डॉक्टर एमबीबीएस तो है, लेकिन एनेस्थेटिस्ट की डिग्री दूसरे डॉक्टर की है। यानी दूसरे डॉक्टर के रजिस्ट्रेशन पर डॉक्टर ने फेक पंजीयन सीजीएमसी में कराया है, इसलिए मामला गंभीर है।
सीजीएमसी में वर्तमान में साढ़े 16 हजार से ज्यादा डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन है। इनमें से कई डॉक्टरों की मौत हो चुकी है। दरअसल जब से राज्य का गठन हुआ है, तब से काउंसिल में इन डॉक्टरों का पंजीयन है। अब 5 साल में पंजीयन में रिन्यूअल होने से मृत डॉक्टरों की जानकारी मिल जाएगी।
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