CG STORY: अतिशेष धान की बिक्री पर मची रार! राईस मिलर्स लामबंद

By : hashtagu, Last Updated : May 14, 2025 | 7:36 pm

अतिशेष धान की बिक्री के लिए जारी किया गया टेंडर
मार्कफेड के बेसप्राइज से कम कीमत पर धान खरीदना चाहते हैं मिलर्स
रायपुर में ही धान की बिक्री की बोली लगाई गई

रायपुर। मार्कफेड द्वारा 33 लाख टन (33 lakh tonnes)अतिशेष चावल की बिक्री(sale of rice) के लिए जो टेण्डर निकाला गया था, उसका एक बार फिर से अच्छा परिसाद नहीं मिला है, इस समय राईस मिलरों एकजुट हो गए हैं। मार्कफेड ने वेसप्राइज से कम नहीं बेचने का निर्णय लिया है। इसके विरूद्ध राईस मिलर्स लामबंद हो गए हैं।

मार्कफेड के सूत्रों के अनुसार वर्तमान वित्तीय वर्ष में सरकार द्वारा 130 लाख टन धान खरीदी का निर्णय लिया गया था, उनमें से विभिन्न संग्रहण केन्द्रों में 35 लाख टन धान अतिशेष है। शासकीय दर पर धान की खरीदी 3100 रूपए क्विंटल, इसमें समर्थन मूल्य पर धान कीमत तय है। इसके अलावा बोनस दिया जाता है, मार्कफेड द्वारा दूसरी बार धान की खरीदी के लिए टेण्डर नोटिस जारी किया गया है। मार्कफेड के अधिकारियों के अनुसार रायपुर में ही धान की बिक्री हुई है। अन्य जिलों में ज्यादा ब्रिकी नहीं हुई है। बेसप्राइज 1900 रुपए प्रति क्विंटल रखा गया है। इसे कम दर पर नहीं खरीदा जाएगा। प्रदेश के अन्य जिलों में धान की ब्रिकी रिकॉर्ड अप्राप्त है। वर्तमान प्रबंध संचालक किरण कौशल इस समय छुट्टी पर हैं।

पिछले कई सालों से शराब निर्माता इसे खरीद रहे हैं

राईस मिलरों के संचालकों के अनुसार धान को खरीदने के बाद उसका छिलका निकालना पड़ता है। उसके पश्चात शराब निर्माता उसे खरीदते हैं। पिछले कई सालों से शराब निर्माता इसे खरीद रहे हैं। राईस मिलरों के अनुसार पहले खरीदों फिर छिलका निकालों, उसके पश्चात पॉलिसिंग करना पड़ता है, तब बाजार में जाकर बिकता है। यह प्रक्रिया काफी महंगी है। इसलिए धान की कीमत कम होना चाहिए। राईस मिलरों के अनुसार वे इस संबंध में अधिकारियों से बातचीत करेंगे। राईस मिल के संचालकों के अनुसार यह प्रतिवर्ष होनी वाली प्रक्रिया है, जिसे लेनदेन कर निपटा दिया जाता है।

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