डीजीपी अशोक जुनेजा को फिर से मिल सकती है सेवावृद्धि, क्या होगा अगला कदम?
By : dineshakula, Last Updated : January 25, 2025 | 12:06 pm
अशोक जुनेजा को भूपेश बघेल की सरकार ने 2021 में डीजीपी नियुक्त किया था, जब डीएम अवस्थी को पद से हटा दिया गया था। जुनेजा ने इस पद पर 60 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद भी संघ लोक सेवा आयोग की अनुशंसा और दो साल तक डीजीपी बने रहने के प्रावधान के तहत अगस्त 2024 तक सेवा देने की स्वीकृति प्राप्त की थी।
2023 के विधानसभा चुनावों के दौरान, भाजपा नेताओं ने जुनेजा की खुले तौर पर आलोचना की थी और चुनाव आयोग में इस बारे में शिकायत की थी, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा था कि वे अगस्त 2024 के बाद सेवा में नहीं रहेंगे। इसके बावजूद, रिटायरमेंट के एक दिन पहले भारत सरकार ने उन्हें छह महीने की सेवावृद्धि प्रदान की, यह तर्क देते हुए कि नक्सल ऑपरेशन में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है और उनके बिना अभियान पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। अब एक बार फिर उनके नेतृत्व में नक्सल विरोधी अभियान को देखते हुए उन्हें सेवावृद्धि मिलने की संभावना जताई जा रही है।
राज्य सरकार ने अक्टूबर 2024 में नए डीजीपी के लिए प्रक्रिया शुरू की थी और पहले पांच अधिकारियों का पैनल संघ लोक सेवा आयोग को भेजा था। इस पैनल में डीजी स्तर के अधिकारियों जैसे अरुणदेव गौतम, पवनदेव, हिमांशु गुप्ता और एडीजी एसआरपी कल्लूरी और प्रदीप गुप्ता के नाम थे। हालांकि, यूपीएससी ने इसे लौटाकर तीन अधिकारियों का पैनल भेजने का सुझाव दिया। राज्य सरकार ने इसके बाद अरुणदेव गौतम, पवनदेव और हिमांशु गुप्ता का नाम भेजा, लेकिन इस पर एडीजी स्तर के एक अधिकारी ने आपत्ति जताई, जिसके कारण पैनल फिर से लौटाया गया।
इसी बीच, राज्य सरकार ने 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी जीपी सिंह को बहाल कर दिया, जिनकी बर्खास्तगी को सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था। चूंकि हिमांशु गुप्ता जीपी सिंह से वरिष्ठ नहीं हैं, यूपीएससी ने जीपी सिंह का नाम भी पैनल में जोड़ने की सिफारिश की। हालांकि, राज्य सरकार ने अभी तक इस नए पैनल को केंद्र को भेजा नहीं है।
इसी संदर्भ में, अब यह चर्चा शुरू हो गई है कि डीजीपी अशोक जुनेजा को फिर से छह महीने का सेवा विस्तार मिल सकता है। अगर ऐसा होता है, तो नए डीजीपी की रेस में शामिल पुलिस अफसरों को बड़ा झटका लग सकता है, खासकर 1992 बैच के आईपीएस अधिकारियों अरुणदेव गौतम और पवनदेव को, जो क्रमशः जुलाई 2027 और जुलाई 2028 में रिटायर होने वाले हैं।
इस बीच, यह भी खबर आ रही है कि अशोक जुनेजा ने मुख्य सूचना आयुक्त के पद के लिए आवेदन किया है। इस पद के लिए मौजूदा मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने भी आवेदन किया है, जो जून 2025 में रिटायर होने वाले हैं। सूत्रों का कहना है कि अमिताभ जैन के मुख्य सूचना आयुक्त बनने की संभावना अधिक है।
क्या होगा अगला कदम?
राज्य सरकार को अब यूपीएससी के सुझाव के बाद नए डीजीपी के चयन के लिए जल्द ही एक निर्णायक कदम उठाना होगा। अगर जुनेजा को फिर से सेवावृद्धि मिलती है, तो पुलिस महकमे में निश्चित ही हलचल मचेगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों इस फैसले पर कैसे प्रतिक्रिया देंगे, क्योंकि नए डीजीपी का चयन राज्य के सुरक्षा और प्रशासनिक ढांचे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।