डीएमएफ घोटाला : रानू, सौम्या और सूर्यकांत को नहीं मिली राहत

छत्तीसगढ़ के डीएमएफ घोटाला मामले में तीन आरोपियों, निलंबित  रानू साहू, सौम्या चौरसिया और सूर्यकांत तिवारी को जेल भेज दिया गया है।

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  • Publish Date - March 11, 2025 / 08:51 PM IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ के डीएमएफ घोटाला(DMF scam) मामले में तीन आरोपियों, निलंबित  रानू साहू, सौम्या चौरसिया और सूर्यकांत तिवारी को जेल भेज दिया गया है। मामले में विशेष कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए 19 मार्च तक सभी की रिमांड(Everyone’s remand till March 19) को बढ़ा दी है। वहीं डीएमएफ घोटाला मामले में जेल में बंद आरोपी सौम्या चौरसिया ने जमानत याचिका लगाई है। जिसके बाद विशेष कोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर लिया है। मामले में अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी। पिछले साल 11 दिसंबर को डीएमएफ घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने निलंबित आईएएस अफसर रानू साहू, माया वरियर समेत अन्य आरोपियों के 23.79 करोड़ रुपए की संपत्ति को कुर्क किया था। इसमें 21.47 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति पाया गया था। यह संपत्ति डीएमएफ घोटाले से अर्जित की गई ब्लैक मनी से खरीदी गई थी।

करोड़ों कैश और आभूषण हुए थे जब्त

जांच के दौरान ईडी ने 2.32 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी और आभूषण जब्त किया था। जब्त की गई रकम डीएमएफ कार्यों के निष्पादन के दौरान इन लोक सेवकों से मिले रिश्वत राशि का हिस्सा था। इस तरह इस मामले में अब तक कुल अपराध आय 90.35 करोड़ रुपये थे। उस समय 23.79 करोड़ रुपये की अचल और चल संपत्तियां अनंतिम रूप से कुर्क की गई थी।

15 से 42 प्रतिशत तक कमीशन का खेल

उल्लेखनीय है कि यह कार्रवाई जांच धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत की गई थी। ईडी ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा दर्ज 3 अलग-अलग एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी। जिसमें राज्य सरकार के अधिकारियों ने ठेकेदारों के साथ मिली भगत करके डीएमएफ को हड़पने की साजिश रचने का आरोप लगा था। डीएमएफ ठेकों को धोखाधड़ी से हासिल करने के लिए, ठेकेदारों ने 15 से 42 प्रतिशत तक का भारी मात्रा में कमीशन और रिश्वत का भुगतान किया था।

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