रायपुर : छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में पदस्थ डीएसपी कल्पना वर्मा (Kalpana Verma) और रायपुर के कारोबारी दीपक टंडन के बीच चल रहे विवाद में नया मोड़ आ गया है. इस हाई प्रोफाइल मामले की जांच कर रहे एएसपी कीर्तन राठौर का तबादला कर दिया गया है. छत्तीसगढ़ पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर एएसपी कीर्तन राठौर को राजनांदगांव का अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बनाया गया है.
तबादले से पहले एएसपी कीर्तन राठौर ने डीएसपी कल्पना वर्मा और कारोबारी दीपक टंडन दोनों के अलग अलग बयान दर्ज किए थे. बयान दर्ज करने के बाद जांच अंतिम चरण में थी और दो से तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपी जानी थी. रिपोर्ट सौंपे जाने से पहले ही जांच अधिकारी का तबादला हो गया जिससे मामले को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं.
जांच के दौरान कारोबारी दीपक टंडन ने अपने बयान में आरोप लगाया कि डीएसपी कल्पना वर्मा ने उन्हें प्यार में फंसाकर करोड़ों रुपए लिए. कारोबारी ने यह भी कहा कि महादेव बुक से जुड़े काम को लेकर विवाद हुआ और इसी दौरान उन पर दबाव बनाया गया. दीपक टंडन ने जांच अधिकारी को चैट कॉल डिटेल और अन्य डिजिटल साक्ष्य भी सौंपने का दावा किया है.
वहीं डीएसपी कल्पना वर्मा ने 22 दिसंबर को एएसपी कार्यालय पहुंचकर करीब दो घंटे तक अपना बयान दर्ज कराया. डीएसपी वर्मा ने कारोबारी पर आरोप लगाया कि उन्होंने उनके परिजनों के पैसे नहीं लौटाए और जानबूझकर उन्हें बदनाम किया जा रहा है. डीएसपी ने भी अपने पक्ष में दस्तावेज और जानकारी जांच अधिकारी को दी है.
पूरा विवाद 10 दिसंबर को सामने आया जब कारोबारी दीपक टंडन ने मीडिया में बयान देकर आरोप लगाया कि डीएसपी कल्पना वर्मा ने उनसे करोड़ों रुपए लिए और पत्नी को छोड़ने का दबाव बनाया. इसके बाद मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. डीएसपी कल्पना वर्मा ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कारोबारी पर बदनाम करने का आरोप लगाया और कानूनी कार्रवाई की बात कही.
इसके बाद कारोबारी दीपक टंडन के खिलाफ अलग अलग मामलों में केस दर्ज होने और गिरफ्तारी वारंट जारी होने की जानकारी सामने आई. इसी दौरान मारपीट का एक वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हुआ. वीडियो सामने आने के बाद कारोबारी ने आईजी और डीजीपी को शिकायत दी जिसमें डीएसपी कल्पना वर्मा और महादेव सट्टे का जिक्र किया गया.
इस शिकायत के बाद डीएसपी कल्पना वर्मा पहली बार 22 दिसंबर को एसएसपी कार्यालय पहुंचीं और जांच अधिकारी के सामने बयान दर्ज कराया. इसके बाद कारोबारी दीपक टंडन ने भी एसएसपी कार्यालय पहुंचकर अपना पक्ष रखा.
कारोबारी के अनुसार डीएसपी कल्पना वर्मा से उनकी जान पहचान साल 2021 में महासमुंद में हुई थी. उस समय कल्पना वर्मा महासमुंद में पदस्थ थीं और एक साझा परिचित के जरिए दोनों की मुलाकात हुई थी. इसके बाद बातचीत बढ़ी और दोनों के बीच नियमित संपर्क होने लगा.
कारोबारी ने यह भी आरोप लगाया कि डीएसपी के परिजनों की ओर से उनकी पत्नी के खिलाफ चेक बाउंस का केस दर्ज कराया गया. दीपक टंडन का दावा है कि उन्होंने डीएसपी को दो करोड़ रुपए से अधिक का पैसा और सामान दिया.
फिलहाल जांच अधिकारी के तबादले के बाद यह देखना अहम होगा कि मामले की जांच आगे किस अधिकारी को सौंपी जाती है और जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है. यह मामला अब पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है.
