रायपुर: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 18 जुलाई को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को शराब घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया। सोमवार को ED ने बताया कि 2019 से 2022 के बीच 2500 करोड़ का घोटाला हुआ है, जिससे सरकार को बड़ा नुकसान हुआ।
ED ने यह भी दावा किया कि चैतन्य बघेल के पास 16.70 करोड़ की अवैध कमाई पाई गई है। इस रकम को अपनी रियल एस्टेट कंपनियों के जरिए वैध दिखाने की साजिश की गई थी। फिलहाल, चैतन्य बघेल 22 जुलाई तक ED की रिमांड पर हैं और कल उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा।
पूर्व CM भूपेश बघेल का ED पर आरोप
इस पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ED को घेरते हुए सोशल मीडिया X पर लिखा कि ED और भाजपा के बीच गहरा तालमेल है। दोनों एक-दूसरे के लिए काम करते हैं। उन्होंने पूछा कि क्या अडाणी के दफ्तर का कंप्यूटर खराब हो गया था, या फिर भाजपा के ‘सुपर CM’ छुट्टी पर थे? बघेल ने यह भी पूछा कि इतने दिन बाद प्रेस नोट क्यों जारी किया गया?
भूपेश बघेल ने आगे कहा, “मेरे घर पर 10 मार्च को ED ने छापेमारी की थी, लेकिन कोई प्रेस नोट जारी नहीं किया गया। इसके बाद 26 मार्च को CBI ने भी छापेमारी की, लेकिन उनका भी कोई प्रेस नोट नहीं था। अब बिना समन के मेरे बेटे की गिरफ्तारी के बाद प्रेस नोट जारी किया गया है। आखिर क्यों?”
अब एक प्रेस रिलीज आया है.
मेरे घर 10 मार्च को ED आई, छापेमारी की लेकिन कोई प्रेस नोट नहीं दिया कि क्या जब्त हुआ.
फिर 26 मार्च को CBI ने छापेमारी की, उन्होंने भी कोई प्रेस नोट जारी नहीं किया.
मैंने स्वयं ने ही मीडिया के सामने आकर दोनों बार बताया है कि क्या मिला मेरे घर में.… pic.twitter.com/LNj0hmFCyB
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) July 21, 2025
ED के आरोपों का ब्योरा
ED ने अपने प्रेस नोट में बताया कि चैतन्य बघेल के पास 16.70 करोड़ रुपये की अवैध कमाई (POC) पाई गई थी, जिसे उन्होंने रियल एस्टेट कंपनियों के जरिए वैध दिखाने की कोशिश की थी। इसके लिए नकद भुगतान, बोगस बैंक एंट्री और बोगस निवेश के जरिए काले धन को रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में लगाया गया।
ED ने यह भी कहा कि चैतन्य ने त्रिलोक सिंह ढिल्लो के साथ मिलकर शराब सिंडिकेट से पैसे हासिल किए थे और उन्हें रियल एस्टेट में निवेश करवा दिया था। अभी तक की जांच में ED को कई और नामों का खुलासा होने की संभावना है। अब तक अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लो, अनवर ढेबर, अरुण पाटी त्रिपाठी और कवासी लखमा की गिरफ्तारी हो चुकी है।
शराब घोटाला क्या है और चैतन्य की गिरफ्तारी क्यों हुई?
ED के अनुसार, चैतन्य बघेल पर आरोप है कि शराब घोटाले की रकम से उसे 16.70 करोड़ रुपये मिले हैं। इस काले धन को रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में निवेश किया गया और इसे वैध दिखाने के लिए फर्जी निवेश दिखाए गए। इसके बाद, शराब सिंडिकेट के साथ मिलकर 1000 करोड़ रुपये की रकम का हेरफेर किया गया। ED ने चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी को लेकर यह आरोप लगाए हैं।
बचाव पक्ष का क्या कहना है?
चैतन्य के वकील फैजल रिजवी ने कहा कि पप्पू बंसल के बयान को आधार मानते हुए चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी की गई है, जो सही नहीं है। बंसल के खिलाफ नॉन-बेलेबल वारंट है और वह बाहर घूम रहे हैं। वकील ने सवाल उठाया कि क्या दबाव में आकर बंसल ने झूठा बयान दिया है?
रिजवी ने यह भी कहा कि चैतन्य बघेल ने जांच में पूरा सहयोग किया है और कभी भी उनका बयान दर्ज नहीं किया गया। फिर भी बिना समन के उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। वकील का कहना था कि चैतन्य बघेल का एकमात्र अपराध यह है कि वह पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे हैं।
ED और भाजपा के बीच तालमेल: भूपेश बघेल का आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ED पर यह भी आरोप लगाया कि ED और भाजपा के बीच गहरी सांठ-गांठ है। उनका कहना है कि दोनों एक-दूसरे के लिए काम करते हैं। बघेल ने सोशल मीडिया पर आरोप लगाया कि जब उनकी गिरफ्तारी के बाद प्रेस नोट जारी किया गया तो यह सिर्फ राजनीतिक खेल था, और कानून की पूरी प्रक्रिया का उल्लंघन किया गया।