शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने निभाई शिक्षक की भूमिका

स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने आज महासमुंद जिले के उड़ीसा सीमा से सटे वनांचल क्षेत्रों में स्थित विभिन्न विद्यालयों

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  • Updated On - November 12, 2024 / 05:08 PM IST

  • विद्यार्थियों को सिखाया कृत्रिम उपग्रह का विज्ञान
  • वनांचल क्षेत्र के स्कूलों का शिक्षा सचिव ने किया आकस्मिक निरीक्षण

रायपुर /स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी (School Education Secretary Siddharth Komal Singh Pardeshi) ने आज महासमुंद जिले के उड़ीसा सीमा से सटे वनांचल क्षेत्रों में स्थित विभिन्न विद्यालयों का अचानक निरीक्षण (Surprise inspection of schools) किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने छात्रों की शैक्षिक प्रगति, स्कूलों की सुविधाओं और शैक्षिक गतिविधियों का गहन अवलोकन किया। बच्चों के उत्साही उत्तरों से प्रभावित होकर श्री परदेशी ने उनकी समझ और ज्ञान की सराहना की।

निरीक्षण के दायरे में आने वाले स्कूलों में हायर सेकेंडरी स्कूल बेलसोंडा, प्राथमिक शाला ओंकारबंद, पीएम श्री स्कूल खोपड़ी, मिडिल एवं हाई स्कूल खोपली, मिडिल और हाई स्कूल कसेकेरा, मिडिल स्कूल कुलिया, और कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय सुनसुनिया शामिल थे।

निरीक्षण के दौरान परदेशी ने कुछ समय के लिए शिक्षक की भूमिका निभाते हुए विद्यार्थियों को कृत्रिम उपग्रह के बारे में समझाया। उन्होंने बच्चों से विज्ञान, भूगोल और सामान्य ज्ञान से जुड़े सवाल पूछे। बच्चों से भारत के महान वैज्ञानिकों, इंद्रधनुष के रंगों की संख्या, छत्तीसगढ़ के जिलों और पड़ोसी राज्यों के बारे में सवाल किए गए, जिनका बच्चों ने सही जवाब दिया। छोटे बच्चों से रंगों और फलों से जुड़े सवाल भी पूछे गए, जिनमें अधिकांश बच्चों ने सही उत्तर दिए।

  • कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय सुनसुनिया की छात्राओं ने शिक्षा सचिव से राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से रक्षाबंधन पर्व पर हुई मुलाकात का अपना अनुभव साझा किया जिसे छात्रों ने एक अविस्मरणीय पल बताया। इस पर सचिव ने कहा कि आज की बालिकाएं और महिलाएं हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं, वे सुई से लेकर हवाई जहाज तक उड़ा रही हैं। यह समाज में महिला सशक्तिकरण का एक शानदार उदाहरण है।

निरीक्षण में शौचालयों की तालाबंदी देखकर परदेशी ने प्रधानपाठक और प्राचार्य को नाराजगी जताते हुए निर्देश दिए कि सभी सुविधाएं बच्चों के लिए सुलभ होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शासन से प्राप्त सामग्री बच्चों के उपयोग के लिए खुली और उपलब्ध रहनी चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने शौचालयों में स्वच्छता बनाए रखने और उन्हें स्कूल समय में खुला रखने के निर्देश के साथ ही परिसर की साफ-सफाई, पुस्तकालय का अधिकतम उपयोग, प्रयोगशाला का उपयोग, शिक्षकों की समय पर उपस्थिति, शिक्षक डायरी का संधारण और शासन के दिशा-निर्देशों का समयानुसार पालन करने पर भी जोर दिया।

निरीक्षण के अवसर पर रायपुर संभाग के संयुक्त संचालक राकेश पांडे, जिला शिक्षा अधिकारी मोहन राव सावंत, आलोक चांडक, जिला मिशन समन्वयक कमल नारायण चंद्राकर सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

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