चुनावी केमिकल लोचा, जो थे दावेदार वे अब स्टार प्रचारक की भूमिका में

By : madhukar dubey, Last Updated : November 5, 2024 | 2:58 pm

रायपुर। प्रदेश की एक मात्र रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट (Raipur South Assembly Seat)पर उपचुनाव का बिगुल बज चुका है। भाजपा और कांग्रेस के अलावा सभी प्रत्याशी(All candidates except BJP and Congress) अपने-अपने जीत के दावे करते नजर आ रहे हैं। कोई कह रहा है कि इस बार भाजपा के जीत की मार्जिन कम कर देंगे, वहीं कांग्रेस भी डंके की चोट पर जीत के दावे करती दिख रही है। उसके निशाने पर हैं भाजपा प्रत्याशी सुनील सोनी, जो पूर्व में रायपुर के सांसद और मेयर रह चुके हैं।

ऐसे में कांग्रेस इस सीट पर 8 बार विधायक रहे बृजमोहन अग्रवाल के कार्यकाल को छोड़कर सुनील सोनी के सांसदी और महापौर के कार्यकाल पर निशाना साध रही है। इसके जवाब में सोनी भी अपने सांसदी और मेयर के कार्यकाल के दौरान हुए कामों की लंबी फेहरिस्त जनता के बीच पेश कर रहे हैं।

इन सबके बीच दूसरी ओर कांग्रेस और भाजपा के दिग्गज और स्थानीय नेता अपने-अपने गढ़ में प्रत्याशी के साथ जनसंपर्क में लगे हैं। लेकिन एक बात साफ है कि भाजपा और कांग्रेस में जो नेता टिकट की दावेदारी कर रहे थे, उनमें अधिकांश को स्टार प्रचारक की भूमिका में पार्टी ने चुनावी मैदान में उतार दिया है। इसके जरिए कांग्रेस और भाजपा की कोशिश है कि स्थानीय और टिकट के दावेदारों को सम्मानजनक भूमिका के जरिए चुनाव प्रचार में लगाया जाए। इसमें दोनों ही पार्टियां कामयाब भी हो चुकी हैं, अब दावेदार हो या यहां टिकट पाने की इच्छा रखने वाले सभी के चेहरे खिले हुए हैं। सभी अपने-अपने समर्थकों के साथ चुनावी फिजां बनाने में जुट गए हैं।

अबकी बार ब्राह्मण वोटर केंद्र में, इसके अलावा ये भी जातीय समीकरण

इस बार कांग्रेस ने इस सीट पर ब्राह्मण कार्ड खेलते हुए आकाश शर्मा को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस की कोशिश है कि ब्राह्मण के साथ-साथ मुस्लिम वोटरों के अलावा ओबीसी वोटों का ध्रुवीकरण करना। ताकि जीत की ओर बढ़ा जा सके। क्योंकि बृजमोहन अग्रवाल यहां से 8 बार विधायक रहे हैं।

2023 के विधानसभा चुनाव में उनके जीत की मार्जिन भी ६७,७१९ थी। ऐसे में कांग्रेस का पूरा जोर है कि इस मार्जिन को भी कम कर ले गए तो बड़ी सफलता होगी। जबकि कांग्रेस का दावा है कि इस बार कांग्रेस को सभी वर्गों का साथ मिल रहा है। वैसे ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि कौन किस पर भारी पड़ेगा।

ढोल-नगाड़े की थाप से बना रहे माहौल

निर्वाचन आयोग की गाइड लाइन के चलते सभी प्रत्याशी अपने-अपने हिसाब से चुनाव प्रचार करने में जुटे हैं। प्रत्याशी ढोल-नगाड़े की थाप के साथ वार्डों में जनसंपर्क कर रहे हैं। अपने चुनावी चिह्न के पर्चे भी बांट रहे हैं और अपने पक्ष में वोट देने के लिए लोगों से अपील करते देख जा सकते हैं।

 

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