सीआरपीएफ ने 2001 में संसद भवन पर हुए हमले को नाकाम किया : अमित शाह
By : hashtagu, Last Updated : April 17, 2025 | 11:47 am

नीमच, 17 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने गुरुवार को मध्य प्रदेश के नीमच में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) परेड ग्राउंड में आयोजित ‘राइजिंग डे’ समारोह में हिस्सा लिया। इस अवसर पर गृहमंत्री ने अपने संबोधन में सीआरपीएफ की वीरता, शौर्य और देश सेवा के प्रति समर्पण की प्रशंसा की। शाह ने 2001 में संसद पर हुए हमले को नाकाम करने का श्रेय भी अर्धसैनिक बल के शूरवीरों को दिया।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में सीआरपीएफ के गौरवशाली इतिहास को याद करते हुए कहा, “2001 में हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी पंचायत संसद भवन पर हमला हुआ। इसको भी नाकाम सीआरपीएफ के जवानों ने किया। 2005 में श्री राम जन्मभूमि पर आतंकी हमला हुआ, उसको भी निरस्त करने का काम सीआरपीएफ के जवानों ने किया और मंदिर को सुरक्षित रखा। भाइयों और बहनों, सबसे बड़ी कामयाबी सीआरपीएफ के इतिहास में लिखी जाएगी, वह अनेक सालों तक याद रखी जाएगी कि इस देश को नक्सलवाद से मुक्त करने में सीआरपीएफ ने बहुत बड़ा योगदान दिया है।”
उन्होंने कहा, “आज भी दुर्दांत नक्सली जब उनको समाचार मिलते हैं कि कोबरा के जवान उनकी ओर गति से बढ़ रहे हैं तो उनकी रूह कांप जाती है। इस प्रकार का एक बहुत बड़ा शौर्य का परिचायक सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन बनी है। मैं आज इस मंच से कोबरा बटालियन के सभी जवानों को हृदयपूर्वक बहुत-बहुत शुभकामनाएं और शाबाशी देना चाहता हूं।”
अमित शाह ने आगे कहा, “देश की आन-बान-शान को सीआरपीएफ के जवानों ने बचा कर रखा। लद्दाख के हॉट स्प्रिंग में 21 अक्टूबर 1959 में चीनी सेना का मुकाबला केवल कुछ चुनिंदा सीआरपीएफ के जवानों ने किया और सबने शहादत हासिल की। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में देश भर के शहीद पुलिसकर्मियों और सभी सीएपीएफ के जवानों की स्मृति में चाणक्यपुरी में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक बनाकर इसको हॉट स्प्रिंग की शहादत को गर्व के साथ एक अमर स्वरूप देने का काम किया है।”
उन्होंने आगे कहा कि साल 1965 में कच्छ के रण में सरदार पोस्ट पर सीआरपीएफ के जवान सेना थे। पाकिस्तान की सेना को मुंह तोड़ जवाब दिया और इसीलिए 9 अप्रैल को शौर्य दिवस पूरा देश मनाया जाता है।