रायपुर। साय कैबिनेट में विस्तार की संभावनाओं पर फिलहाल बे्रक लग गया है। इसके पीछे नगरीय निकाय और त्रि-स्तरीय चुनाव, क्योंकि भाजपा अब निकाय और पंचायत चुनावों(civic and panchayat elections) में बेहतरीन प्रदर्शन की तैयारी में युद्धस्तर पर जुटी है। कारण यह भी है कि कांग्रेस के पिछले रिकार्ड को तोडऩा भी है। ज्ञात हो कि कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार के दौरान निकाय और पंचायत चुनाव में कांग्रेस ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए भाजपा को पिछाड़ दिया था। लिहाजा, अब प्रदेश में भाजपा की सरकार है ऐसे में चुनौती है कि निकाय चुनाव में रिकार्ड प्रदर्शन करना है। इसके चलते भाजपा का अभी फोकस स्थानीय चुनावों पर है। अब निकाय व पंचायत चुनावों को देखते हुए भाजपा ने एक लक्ष्य तय भी कर रखा है कि जो विधायक और पदाधिकारी इस चुनाव में अपना उत्कृष्ट योगदान देंगे, उन्हें ही मंत्री और निगम मंडलों के अध्यक्ष पद से नवाजे जाएंगे। अभी फिलहाल भाजपा महापौर और नगर अध्यक्ष और जिला पंचायत अध्यक्षों के दावेदारों की खोज और सर्वे में जुटी है। इसके लिए समितियों को गठन कर दिया गया है, दावेदारों के साथ ही प्रत्याशी पद के उम्मीदवार के चयन करने में अपनी भूमिका निभागएगी।
चर्चा है कि अब निकाय चुनाव के बाद साय कैबिनेट में खाली दो मंत्री पदों पर नियुक्ति(Appointment to two vacant ministerial posts in Cabinet) हो सकती है। बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद उनके खाली जगह को कौन भरेगा इस बात की चर्चा आम हो गई है। चूंकि निगम चुनाव सर पर है ऐसे में रायपुर से चारों विधायक इस उम्मीद लगाए बैठे थे कि उनकी लाटरी लग सकती है। साय कैबिनेट में बृजमोहन का उत्तराधिकारी कौन होगा। साथ ही क्या दोनों रिक्त मंत्री पद एक साथ भरे जाएंगे। संगठन के पास सबसे बड़ा सवाल यह भी है कि मंत्रियों के चयन में किन चीजों को प्राथमिकता दी जाएगी।
इसमें एक पद के लिए सांसद बृजमोहन अग्रवाल के करीबी रायपुर दक्षिण से नवनिर्वाचित विधायक और ओबीसी वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले सुनील सोनी का नाम शामिल है। इसके अलावा अनुभव और पिछले कार्यकाल के परफारमेंस को देखते हुए तेज तर्रार और जैन समाज के प्रतिनिधि कद्दावर नेता रायपुर पश्चिम के विधायक और पूर्व मंत्री राजेश मूणत दावेदारों में सबसे आगे चल रहे हैं। साथ ही वे मंत्री पद के प्रवल दावेदार भी हैं। रायपुर उत्तर के विधायक ब्राह्मण समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले पुरंदर मिश्रा के नाम की भी चर्चा है। दूसरी ओर एक और खाली पद के लिए प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव, गजेन्द्र यादव और अमर अग्रवाल का नाम भी प्रमुखता से लिया जा रहा है।
सियासी गलियारों और चर्चाओं में जो नाम दावेदारी के लिए चल रहे हैं। इनकी संख्या कम करने के लिए भाजपा अधिकांश को विधायक रहते महापौर का चुनाव लड़वा सकती है।
यह भी पढ़ें: मुख्यमंत्री ने मकर संक्रांति के पावन अवसर पर वर्ष 2025 के शासकीय कैलेंडर का किया विमोचन