‘कोल्हू का बैल बने’ कर्मचारी!, दफ्तरों से निकले 45 हजार कर्मचारी, जानें, वजह
By : madhukar dubey, Last Updated : January 16, 2023 | 6:55 pm
कुछ कर्मचारियों ने बैल का मास्क लगाया और इन्हें प्रशासनिक अफसर हांकते रहे। कर्मचारियों ने कहा कि तय काम के अलावा भी विभाग में कोल्हू के बैल की तरह इन्हें बहुत सारे काम थोपकर शोषित किया जाता है। इनका मेहनताना बढ़ाया भी नहीं जाता। कई डिपार्टमेंट में इनकी छंटनी की गई है। दंतेवाड़ा में इसी तरह से कर्मचारियों ने छोटे नाटक को दिखाकर प्रोटेस्ट किया।
कर्मचारियों ने छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले सामूहिक हड़ताल की है। इसकी सूचना व ज्ञापन अपने विभाग एवं जिला प्रशासन को कर्मचारियों ने दे दी है। महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष कौशलेष तिवारी ने बताया कि वर्तमान कांग्रेस सरकार बनने के पहले अनियमित कर्मचारियों के मंच में आकर कांग्रेस के नेताओं ने कांग्रेस सरकार बनने पर १० दिन में संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया। अब चार साल बाद भी ये मांगे पूरी नही हुई है। इसी वजह से कर्मचारियों को मजबूरन हड़ताल करनी पड़ी है।
प्रदेश के राजनांदगांव, रायपुर, बलौदाबाजार, कांकेर जैसे सभी जिलों में कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया है। रायपुर में अंबेडकर अस्पताल के कार्डियक सेंटर के संविदाकर्मियों ने भी काम बंद कर दिया है। इस तरह से प्रदेश के स्वास्थ्य अमले से जुड़े कर्मचारी भी आंदोलन को अपना समर्थन देकर संदेश देना चाहते हैं कि वो नियमितिकरण चाहते हैं।
सोशल मीडिया के माध्यम से तेज करेंगे आंदोलन
कर्मचारियों ने तय किया है कि वो हर तरीके से सरकार तक अपनी बात पहुंचाएंगे। इसी कड़ी में १७ जनवरी को सभी नियमितिकरण की मांग लिखकर प्रशासनिक अफसरों को मेल करेंगे। भैंस के आगे बीन बजाकर विरोध जताएंगे। १८ जनवरी को मनोकामना श्रीफल लेकर रैली निकालकर ज्ञापन सौंपा जाएगा। ये ज्ञापन कलेक्टरों को दिया जाएगा। १९ जनवरी को सभी रायपुर में जुटकर विजय तिलक लगाएंगे। २० जनवरी को रायपुर के धरना स्थल पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
२६ जनवरी तक का कर्मचारियों ने दिया अल्टीमेटम
कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों ने बताया है कि २६ जनवरी तक वो इंतजार करेंगे। इस दिन यदि सरकार की ओर से संविदाकर्मियों को नियमित करने का एलान नहीं किया जाता तो इसके बाद बड़े आंदोलन की तैयारी है। इसके बाद कर्मचारी अनिश्चितकालीन आंदोलन करने की दिशा में बढ़ जाएंगे। फिर तब तक हड़ताल चलेगी। जब तक नौकरी पक्की नहीं हो जाती। एक दिन पहले ही रविवार को प्रदेश के हर जिले से अनियमित कर्मचारी रायपुर पहुंचे थे और नियमितिकरण की मांग पर धरना दिया था।