नान घोटाले में पूर्व IAS शुक्ला-टुटेजा 16 अक्टूबर तक ईडी की रिमांड पर

By : dineshakula, Last Updated : September 22, 2025 | 8:04 pm

रायपुर: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नान घोटाले में आरोपी रिटायर्ड IAS अधिकारी आलोक शुक्ला (Alok Shukla) और अनिल टुटेजा ने रायपुर की ईडी कोर्ट में सरेंडर कर दिया। कोर्ट ने दोनों को 4 हफ्ते की ईडी रिमांड पर भेजने का आदेश दिया है। 16 अक्टूबर तक दोनों से दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में पूछताछ की जाएगी। सरेंडर की प्रक्रिया ईडी अधिकारियों की मौजूदगी में हुई। कोर्ट परिसर के बाहर CRPF जवानों की तैनाती रही। ईडी की टीम दोनों आरोपियों को रायपुर एयरपोर्ट से दिल्ली लेकर रवाना हुई।

दोनों आरोपी पिछले 5 दिनों से कोर्ट में सरेंडर की कोशिश कर रहे थे। आलोक शुक्ला सोमवार को तीसरी बार कोर्ट पहुंचे, तब जाकर सरेंडर की अनुमति मिली। इससे पहले 18 और 19 सितंबर को सरेंडर की कोशिशें नाकाम रही थीं, क्योंकि या तो सुप्रीम कोर्ट का आदेश अपलोड नहीं हुआ था या ईडी के वकील केस डायरी के बिना पहुंचे थे।

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत को रद्द कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि ईडी को चार हफ्ते की कस्टडी दी जाए और इस अवधि के बाद ही जमानत दी जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को 3 महीने और EOW को 2 महीने में जांच पूरी करने के निर्देश दिए हैं।

इस घोटाले का खुलासा 2015 में हुआ था जब ACB और EOW ने नागरिक आपूर्ति निगम (नान) के दफ्तर और 28 अन्य जगहों पर छापा मारा था। रायपुर स्थित मुख्यालय से करीब पौने 2 करोड़ रुपए नगद मिले थे, और कुल 3.50 करोड़ रुपए की बरामदगी हुई थी। छापों में कई अहम दस्तावेज भी मिले थे।

ACB ने जांच के बाद 16 लोगों के खिलाफ चालान पेश किया, जिसमें करीब 5000 पेज और 213 गवाह शामिल थे। केंद्र सरकार से अनुमति मिलने के बाद दो वरिष्ठ IAS अधिकारियों – आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा – के खिलाफ पूरक चालान दाखिल किया गया। उस समय आलोक शुक्ला खाद्य विभाग के प्रमुख सचिव और टुटेजा नान के एमडी थे।