रायपुर। DMF फंड (DMF Fund) से होने वाले स्वीकृत कामों को रद् किए जाने के मुद्दे को पूर्व मंत्री कवासी लखमा (Former minister Kawasi Lakhma) ने आज विधानसभा सत्र में उठाया। पूर्व मंत्री कवासी लखमा ने खनिज न्यास निधि के तहत स्वीकृत कामों को रद्द किए जाने की जानकारी मांगी। इतने सारे काम आदिवासी जिले में निरस्त कर दिए गए इसका कारण क्या है बताइए ? डॉ रमन सिंह ने कहा कि लिखित में आपके सारे जवाब दे चुके हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि कवासी लखमा सीनियर नेता है। जिले में कलेक्टर, सांसद और विधायक सभी कमेटी में रहते हैं। वह लोग तय करते हैं जब हमारी सरकार बनी, तो हम लोगों ने काम को निरस्त करने का आदेश नहीं किया है, बल्कि जो काम शुरू नहीं हुए थे, उसको रोकने का आदेश किया है।
क्योंकि डीएमएफ के विषय में भारी शिकायत आ रही थी। पूरा बंदरबांट हो रहा था। इसलिए जिले में जो कमेटी है, उसको पावर है कि जो काम उसमें से उपयोगी है, जनहित में है, उसको वह चालू कर सकते हैं। जो अनावश्यक है, जो अनावश्यक रूप से स्वीकृत किए गए हैं, उसे निरस्त करें।
कवासी लखमा ने बीजापुर से जुड़ा एक सवाल करते हुए मुख्यमंत्री से कहा कि पैसे जारी हो गए, लेकिन काम निरस्त हो गया। यह कैसे हुआ। ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई करिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं बता चुका हूं कि जो काम जारी है, उसको निरस्त करने का कोई आदेश नहीं हुआ है, जो अब प्रारंभ है उसकी समीक्षा करना है और निरस्त करना या समीक्षा करना या उसे आगे जारी रखना यह जिले की कमेटी के पास अधिकार है।
लखमा ने कहा कि मेरे जिले के 14 काम निरस्त हुए हैं, उसे शुरू करेंगे क्या, मुख्यमंत्री ने जवाब में कहा कि जिला कमेटी के पास पावर है जिसके आप स्वयं सदस्य हैं। मुख्यमंत्री ने निरस्त हुए कामों का परीक्षण करने को कहा है।
कवासी लखमा ने डीएमएफ कमेटी की मीटिंग में ना बुलाए जाने को लेकर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि सांसद-विधायक किसी को नहीं बुलाया गया, तो आखिर किसे जानकारी दी जा रही है, किसे बुलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इसके जवाब में कहा कि इसे दिखा लिया जाएगा।
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