स्काईवॉक की जांच से नहीं डरते पूर्व मंत्री मूणत, जानें, क्या बोले

By : madhukar dubey, Last Updated : December 27, 2022 | 10:06 pm

छत्तीसगढ़। राजधानी में बने स्काईवॉक (Skywalk) पर अब सियासत शुरू हो गई। इसकी अनियमितता की जांच शासन ने EOW और ACB  को सौंप दिया है। चले बयानबाजी के बीच स्कॉईवॉक पर पूर्व लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत ने कहा हम जांच से नहीं डरते। उन्होंने भूपेश बघेल के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि राजेश मूणत ने पलटवार किया है। मूणत ने कहा है- मैं चुनौती देता हूं, हर जांच के लिए तैयार हूं, दम है तो सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज से जांच करवाएं राजेश मूणत तैयार है। भाजपा के कार्यकर्ता ऐसी बातें से डरते नहीं है। भ्रष्टाचार तो कांग्रेस ने किया है।

राजेश मूणत ने दावा भी किया है कि प्रदेश में जारी ED के एक्शन से घबराकर कांग्रेस ईओडब्ल्लू का सहारा ले रही है। मैं तो जांच में पूरी तरह से सहयोग करने को तैयार हूं। बीते ४ सालों में कांग्रेस ने क्या किया, स्कायवॉक का करना क्या है ये तय ही नहीं कर पाए, वही फाइलें हैं, वही अफसर हैं ठेकेदार है, मगर अब तक कुछ नहीं किया। एक्सप्रेस वे अधूरा है। ये पूरा मामला स्क्रिप्टेड है। मैंने जो विकास के काम किए प्रदेश और राजधानी के लिए जनता जानती है।

भूपेश बघेल ने ये कहा था

स्काय वॉक जांच मामले में मुख्यमंत्री ने कहा कि अब जांच एजेंसी इसके तथ्यों को परखेगी और उचित कार्रवाई करेगी। मूणत के फंसाए जाने की बात कहने पर मुख्यमंत्री ने पलटवार करते हुए कहा है – अच्छा जांच शुरू नहीं हुई और फंसाया जा रहा है फंसाया औीर मुझे कहा जा रहा थ ईडी को सहयोग करो खुद पर आने पर भाषा बदल गई अब खुद सहयोग करें पर उपदेश कुशल बहुतेरे

पूर्व मंत्री मूणत ने किया दावा, कोई गड़बड़ी नहीं हुई है

वर्ष २०१६-१७ के बजट में पूववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल में रायपुर शहर के विकास की अवधारणा ध्यान रखते हुए स्काई वाक के लिए बजट का प्रावधान किया गया था। टेंडर से लेकर निर्माण कार्य शुरू होने तक सभी नियमों का पारदर्शिता के साथ पालन किया गया था। स्काईवाॅक का कार्य अपनी गति से जारी था,लेकिन इसी दरमियान चुनावी वर्ष आ गया। सत्ता का परिवर्तन हुआ और कांग्रेस सरकार ने पूर्वाग्रह के प्रभाव में एक महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर कार्य रोक दिया। मूणत ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की मंशा अनियमितता की जांच करवाना नहीं,बल्कि ईडी की कार्रवाई की बौखलाहट में राजनीतिक तौर पर विपक्ष को परेशान करना है।