रायपुर। विधानसभा मानसून सत्र के दूसरे दिन (Second Day of Assembly Monsoon Session) बृजमोहन अग्रवाल के सवाल पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने जवाब देते हुए बताया कि प्रदेश में शराब बंदी (Liquor Ban) के लिए राजनैतिक समिति, प्रशासनिक समिति और सामाजिक समिति का गठन किया गया हैं। साल 2019 से लगातार शराब बंदी के लिए बैठक की गयी और वर्ष 2023 में समिति के सदस्य और अधिकारियों द्वारा गुजराज और बिहार राज्य का अध्यन्न भ्रमण कर वहां की आबकारी नीति की जानकारी ली गयी।
आबकारी मंत्री ने बताया कि बताया कि इस अध्यन्न भ्रमण में 15 लाख 94 हजार 379 रूपये खर्च। शराब बंदी के सवाल पर कवासी लखमा ने जवाब दिया कि समितियों द्वारा अन्य राज्यों की आबकारी नीति का अध्ययन करने के बाद रिपोर्ट सरकार को पेश की जायेगी, समितियों के अनुशंसानुसार राज्य में पूर्ण शराब बंदी लागू करने के संबंध में निर्णय लिया जायेगा।
कवासी लखमा के इस जवाब को लेकर सदन में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया गया। बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल और जोगी कांग्रेस से विधायक रेणु जोगी ने आबकारी मंत्री से शराब बंदी को लेकर सवाल पूछे। दोनों विधायकों ने प्रदेश सरकार पर शराब बंदी की घोषणा के बाद भी प्रदेश में शराबबंदी को लेकर किये गये प्रयास और इस प्रयास में किये ये खर्च की जानकारी मांगी गयी।
आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा, इनकी मौत जहरीली शराब पीने से नहीं हुई है। ये मौतें जहर पीने से हुईं है।
लखमा के इस बयान जमोहन अग्रवाल ने कहा कि, ये छत्तीसगढ़ के लिए शर्मसार करने वाली बात है।
नारायण चंदेल ने कहा, PM रिपोर्ट में मौत की क्या वजह सामने आई है। सदन की कमेटी इसकी जांच करे।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, वह इस बात को मानते हैं कि यह गंभीर मामला है। इस प्रश्न का पूरा जवाब नहीं आया है, मंत्री पूरी जानकारी लेकर सदन को जवाब दें।
इनपुट (भोजेंद्र वर्मा)
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