पोते के सामने ‘दादा’ भूपेश को फ्रांस की ‘यूनिवर्सिटी’ ने डॉक्टरेट की ‘उपाधि’ से नवाजा
By : madhukar dubey, Last Updated : April 29, 2023 | 2:03 pm
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित करते वक्त उनका परिवार भी साथ रहा
डॉक्टरेट की मानद उपाधि मिलने के बाद आभार जताते हुए सीएम भूपेश बघेल ने कहा, आज मेरा सम्मान हुआ है। मेरा परिवार भी साथ है और सबसे अच्छी बात है कि मेरा पोता भी साथ है। आगे कहा कि,मेरे पास एक किताब विनोबा जी की है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि भारत में महात्मा गांधी, रविन्द्र नाथ, रामकृष्ण परमहंस जैसी विभूति रही हैं। बिना अस्त्र के लड़ाई की कल्पना को महात्मा गांधी ने साकार किया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, जो लोग नैतिकता को प्रधानता देते हैं। वे धन से दूर होते हैं। नैतिक लोगों को धन से दूर नहीं होना चाहिए। उनके हाथ में धन होगा तो वे सार्थक उपयोग करेंगे। हम ऐसे ही समृद्ध प्रदेश से हैं। भौगोलिक रूप से हम समृद्ध हैं। हमारे पास जंगल है। हिमालय के बाद सबसे अधिक नाले हमारे यहां हैं।
खनिज संसाधन हमारे यहां पर्याप्त है। दुनिया भर में बैटरी गाड़ी की डिमांड हो रही है। हमारे यहां लिथियम है।आरबीआई के सर्वे के मुताबिक हमारे यहां गरीबी रेखा के नीचे बड़ी आबादी है। उद्योग भी है। फिर भी गरीबी है। देश के आकांक्षी जिलों में 10 हमारे यहां से है। जबकि दंतेवाड़ा और कोरबा में प्लांट भी है। फिर भी इन जिलों में गरीबी है।
सरकार के नरवा ,गरवा, घुरवा, बाड़ी कार्यक्रम और गोबर खरीदी की योजना का उल्लेख करते हुए कहा,13 हजार नाले हमने ट्रीट किये लेकिन एक इंच जमीन भी नहीं डूबी, यह नवाचार है। एक एक बूंद पानी बचाया है। और किसानों को किसी तरह का कष्ट भी नहीं हुआ।
कुछ दिन पहले हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग से भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पीएचडी की मानद उपाधि मिली है। इनके साथ ही विश्वविद्यालय ने पंडवानी गायिका पद्मश्री उषा बारले को भी पीएचडी की मानद उपाधि से सम्मानित किया था। यह उपाधि विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अरुणा पलटा और कुलसचिव डॉ. भूपेंद्र कुलदीप ने सौंपी है।