छत्तीसगढ़। पति तो दुनिया छोड़कर चले गए, अब किसके सहारे गृहस्थी चलाएं। एक आस थी, भूपेश (Bhupesh) सरकार से, वे सुनेंगे। हमारे पति की जगह नौकरी दिलवा देंगे। लेकिन वह भी आस टूटती जा रही है। क्या करें, कुछ समझ में नहीं आ रहा है। अब यही है कि सिर के बाल ही मुंडवा दें। क्योंकि एक महिला के बाल ही उसके लिए गहना होता है। इसलिए अब इसे भी छोड़ रहे हैं। ताकि उनका ध्यान हम लोगों की मांग की ओर जाए।
ये शब्द, बूढ़ा तालाब पर धरने पर बैठीं शिक्षाकर्मियों (education workers) की विधवाओं के हैं। उनका धरना और आंदोलन करीब 120 दिनों से जारी है। बावजूद सरकार ने अनुकंपा नियुक्ति के बारे में आश्वासन नहीं दिया है।
सोमवार को वे सामूहिक रूप से अपने सिर के बाल ही मुंडवा दिए।। जहां उनके आंखों में आंसू थे। बड़े दुख के साथ सरकार के नहीं सुनने के विरोध में अपने सिर के बाल मुंडवा रहीं थीं।
इस मौके पर बीजेपी के कुछ पदाधिकारी भी पहुंचे थे। बता दें, रायपुर मं दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर 20 अक्टूबर से धरने पर है। अपनी मांग को लेकर विधवा महिलाओं ने विरोध के कई तरह के हथकंडे अपना चुकी हैं। इसके बावजूद अभी तक कोई ठोस पहल नहीं हुई है।
बीजेपी ने इस तस्वीर को अपने ट्विटर पर पोस्ट किए
आज इस वाक्या को बीजेपी ने अपने ट्विटर पर पोस्ट किया। जहां इनकी अनुकंपा नियुक्ति नहीं होने पर भूपेश सरकार से सवाल पूछे। इसके साथ ही इन विधवाओं को समर्थन देने का ऐलान भी।
राजकुमारी के लिए सड़कों को गुलाब के फूलों से सजाने वालों ने प्रदेश की विधवा बहन बेटियों को केश काटकर अपमानित होने, रोने बिलखने मजबूर कर दिया।
वाह तथाकथित किसान पुत्र छत्तीसगढ़िया मुख्यमंत्री वाह!
गंगा मैया भी सोचती होंगी किन हाथों ने सौगंध खाई थी महिलाओं के हितों की रक्षा की! pic.twitter.com/OU77MBhskG
— Arun Sao (@ArunSao3) February 27, 2023
पंचायत शिक्षक(शिक्षाकर्मी अनुकंपा संघ) द्वारा 120 दिनों से किए जा रहे आंदोलन में छ्त्तीसगढ़ प्रदेश का सबसे करुण दृश्य…
राग-रंग में तल्लीन भूपेश की कांग्रेस सरकार की उदासीनता से व्यथित आंदोलनरत विधवा बहन ने रोते हुए अपने केश मुंडवा रही है। pic.twitter.com/18ez8bA5OK
— BJP Chhattisgarh (@BJP4CGState) February 27, 2023