रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस विधानसभा और लोकसभा में हार के बाद लगातार उथल पुथल से गुजर रही है। हार की जिम्मेदारी अब तक तय हुई नहीं है. वहीं छत्तीसगढ़ न्याय यात्रा(Chhattisgarh Justice Yatra) के बाद अब चर्चा यह शुरू हो गई है कि पीसीसी चीफ दीपक बैज(PCC Chief Deepak Badge) क्या अपना आगे का 2 साल का कार्यकाल पूरा कर पाएंगे। क्या दीपक बैज के सिर से खतरा टल गया है।
दरअसल यह चर्चा इसलिए भी फिर से गर्म हो गई क्योंकि इस पदयात्रा के दौरान दीपक बैज के बराबर ही कांग्रेस के कई ऐसे पुराने चेहरे बेहद सक्रिय दिखे जो पीसीसी चीफ की दौड़ में है. इनमें सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरते नजर आए पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव और मोहन मरकाम।
इन दोनों ने न्याय यात्रा के पहले दिन 27 सितंबर से 2 अक्टूबर तक लगातार दीपक बैज के कंधे से कंधा मिलाकर पदयात्रा की। हालांकि पार्टी के कई बड़े नेता यह तो कहते हैं कि दीपक बैज अच्छा काम कर रहे हैं, लेकिन यह कहने में संकोच भी नहीं करते कि पार्टी के भीतर पीसीसी चीफ के लिए कई लायक उम्मीदवार भी हैं।
वहीं पहले दीपक बैज को फ्री हैंड देने वाले सचिन पायलट ने भी न्याय यात्रा के समापन पर सार्वजिनक तौर पर यह भी कहा कि पार्टी के भीतर सभी नेता बराबर हैं। मतलब किसी की मोनोपली नहीं चलेगी. इसके तो कई मायने लोग निकाल रहे हैं. बताया यह भी जा रहा है एआईसीसी से भी बार बार यह संदेश बीच-बीच में दिया जाता है कि पार्टी में कभी भी कोई भी बदलाव हो भी सकता है।
देखना यह है कि जो नेता अचानक से बहुत सक्रिय हुए हैं उनकी मंशा क्या है. टीएस सिंहदेव तो यह कह भी चुके हैं कि अगर पीसीसी चीफ हाईकमान बनाते हैं तो वह यह जिम्मेदारी निभाने से इनकार नहीं करेंगे. वहीं मोहन मरकाम को जिस तरह से हटाया गया था वह मलाल मरकाम को है, ऐसे में दोबारा मौका मिला तो वो खोना नहीं चाहेंगे।