अवैध रेत खनन : हाईकोर्ट ने पूछा सिर्फ जुर्माना लेकिन FIR क्यों नहीं ?
By : hashtagu, Last Updated : March 25, 2025 | 2:50 pm

बिलासपुर। (Bilaspur High Court) अवैध रेत खुदाई को लेकर हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है कि शपथ पत्र से ही स्पष्ट है कि अवैध रेत खुदाई (Illegal sand digging) जारी है, इतने प्रकरण आ रहे हैं तो सिर्फ जुर्माना लगाकर क्यों छोड़ा जा रहा है। जुर्माना लगाने भर से समस्या दूर नहीं होगी। ऐसा करने वाले बड़े लोग हैं, जुर्माना भर देते हैं, उससे 100 गुना कमाते हैं। माइनिंग एक्ट के अनुसार पैनल एक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा है। कितनी बार जुर्माना लगाकर छोड़ सकते हैं।
- बार- बार अपराध करने पर गंभीर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है? सुनवाई के दौरान शासन की ओर से कहा गया कि, चार सदस्यीय टीम बनाई गई है जो कि दूसरे राज्यों का दौरा करते हुए खनन रोकने पर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। इसके साथ ही अरपा में गंदा पानी रोकने पुणे की एक कंपनी से डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) से बनवाई जा रही है। इसकी अनुमति को लेकर 26 मार्च को होने वाली एमआईसी की बैठक में इसका प्रस्ताव लाया जाएगा। मामले की अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी।
सरकार ने कहा- एफआईआर दर्ज करवाई जा रही
राज्य सरकार की तरफ से बताया गया कि, अब अवैध रेत खुदाई और परिवहन करने वालों पर एफआईआर दर्ज करवाई जा रही है। मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार भी कार्रवाई की जा रही है। हाईकोर्ट ने कहा रेत खनन को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में लाना होगा।
प्रदेश की नदियों की खुदाई पर सख्ती
अरपा के साथ ही पूरे प्रदेश में नदियों से अवैध रेत खुदाई के मामले में हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है। कोर्ट ने कहा है कि जब माइनिंग एंड मिनरल एक्ट लागू हैं तो इसके अनुसार सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है।ऐसा नहीं हो सकता कि कोई बार-बार अवैध माइनिंग करता रहे और उसे जुर्माना लगाकर छोड़ दिया जाए। अवैध खुदाई के कारण निरपराध लोगों की जान जा रही है। तीन बच्चियों समेत कई लोगों की पहले मौत हो गई।
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