छत्तीसगढ़ में गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों की बलिदान गाथा का पाठ, सिलेबस में होगा शामिल

By : dineshakula, Last Updated : December 27, 2024 | 1:53 pm

रायपुर, 27 दिसंबर: छत्तीसगढ़ सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए राज्य के सभी स्कूलों में गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के बलिदान की गाथा को सिलेबस में शामिल करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) ने वीर बाल दिवस के मौके पर इस फैसले का ऐलान किया और कहा कि यह निर्णय राज्य के बच्चों को साहस और देशभक्ति की प्रेरणा देगा।

मुख्यमंत्री ने वीर बाल दिवस के अवसर पर रायपुर के मेडिकल कॉलेज सभागार में आयोजित एक बौद्धिक संगोष्ठी में कहा, “अब छत्तीसगढ़ के सभी स्कूलों में गुरु गोविंद सिंह जी के साहिबजादों, बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी के शहादत की कहानी पढ़ाई जाएगी। यह कहानी युवाओं को अपने कर्तव्यों और देश के लिए बलिदान देने की प्रेरणा देगी।”

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हमें गुरु गोविंद सिंह जी और उनके साहिबजादों की शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारना चाहिए और नई पीढ़ी को उनके आदर्शों से जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने इस अवसर पर साहिबजादों की वीरता पर आधारित एक एनिमेटेड फिल्म भी देखी।

प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वीर बाल दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हुए कहा, “यह दिन हमें सिख गुरुओं के त्याग और बलिदान की महान परंपरा की याद दिलाता है। हमें अपने बच्चों और समाज को ऐसे वीर सपूतों की प्रेरणादायक कहानियां बतानी चाहिए।” उन्होंने गुरु गोविंद सिंह जी के साहिबजादों की शहादत को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा के लिए प्रधानमंत्री मोदी को आभार व्यक्त किया।

राष्ट्रीय एकता और अखंडता का संदेश

सीएम साय ने आगे कहा, “वीर बाल दिवस हमें राष्ट्र की एकता और अखंडता की याद दिलाता है। समाज को तोड़ने वाली ताकतें हर दौर में सक्रिय रहती हैं, लेकिन जिस धरती पर गुरु गोविंद सिंह और उनके साहिबजादों जैसे वीर जन्म लेते हैं, वहां कोई भी ताकत अपनी नज़र भी नहीं डाल सकती।”

उन्होंने कहा कि बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह केवल किसी एक धर्म या पंथ के लिए प्रेरणा नहीं हैं, बल्कि वे संपूर्ण भारत के लिए आदर्श हैं। “गुरु गोविंद सिंह और उनके साहिबजादों की वीरता संपूर्ण देश के लिए प्रेरणादायक है और हम हर पीढ़ी को उनकी शहादत को याद दिलाएंगे।”

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भारत का असली चरित्र सामाजिक समरसता का रहा है, और इस देश में कट्टरता और उन्माद को कभी जगह नहीं मिली। छत्तीसगढ़ इस का सबसे अच्छा उदाहरण है।

इस अवसर पर रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक, सिख समाज के अनुयायी, आम नागरिक और स्कूलों के बच्चे भी मौजूद थे। सभी ने इस ऐतिहासिक फैसले का स्वागत किया और राज्य सरकार की ओर से उठाए गए इस कदम को सराहा।