रायपुर। बिजली के दामों में बढ़ोतरी (Increase in electricity prices) जनता के ऊपर अत्याचार है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला (Sushil Anand Shukla) ने कहा कि राज्य सरकार के प्रस्ताव पर विद्युत नियामक आयोग ने विद्युत के दामों में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दिया है, यह अनुचित है। भाजपा सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण छत्तीसगढ़ का आम आदमी परेशान हो गया है। साय सरकार नागरिकों को हर तरफ से परेशान करने की नीयत से काम कर रही है।
सरकार ने रजिस्ट्री छूट को समाप्त किया, ईवे बिल को समाप्त किया, अब बिजली बिल के दाम में बढ़ोतरी कर दिया गया। बिजली के दाम बढ़ने से घरेलू के साथ-साथ उद्योगों और व्यवसायिक उपभोक्ताओं को महंगी बिजली खरीदने को मजबूर होना पड़ेगा। उद्योगों को महंगी बिजली मिलेगी तो उनके उत्पादों का महंगा होना स्वाभाविक है। ऐसे में आम आदमी पर दोहरी मार पड़ेगी। भाजपा की नीयत कमीशनखोरी करना है, उसे आम आदमी की सहूलियतों से कुछ लेना देना नहीं है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पिछले पांच माह में विद्युत सरप्लस वाला छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कटौती का केंद्र बन गया है। कोई ऐसा दिन नहीं होता जब बिजली दो चार घंटे के लिये बंद न हो, रात में तो बिजली की स्थिति तो और भयावह हो जाती है। घंटो बिजली गोल हो जाती है। भाजपा से न सरकार संभल पा रहा और न ही व्यवस्थायें। सरकार एक तो पूरे समय बिजली नहीं दे पा रही ऊपर से उपभोक्ताओं पर महंगी बिजली का बोझ डाल रही है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि साय सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन के कारण राज्य की आर्थिक स्थिति खराब होते जा रही है। पांच माह में सरकार ने बेरोजगारी भत्ता बंद कर दिया, गोबर खरीदी बंद कर दिया, गोठान बंद कर दिया, राजीव गांधी किसान न्याय योजना की चौथी किस्त नहीं दिया, इसके बावजूद सरकार को 16000 करोड़ का कर्ज लेना पड़ा। साथ ही पूर्ववर्ती सरकार द्वारा आम जनता को दी जा रही रियायतें भी सरकार ने बंद कर दिया।
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