रायपुर। रविवार को प्रदेशभर से आए योग शिक्षकों (yoga teachers) ने विरोध प्रदर्शन किया। नवा रायपुर के तूता स्थित धरना स्थल पर ये शिक्षक पहुंचे। ये सभी शिक्षक चूंकि योग विद्या के एक्सपर्ट हैं तो इनके विरोध में भी वो अंदाज दिखा। कोई सिर के बल खड़े (Standing on Head) होकर शीर्षासन करता दिखा। तो किसी ने सिर और पैर के पंजों पर पूरा शरीर उठाते हुए दिखें। मुश्किल से मुश्किल आसन करते हुए शिक्षक धरनास्थल पर नारे बाजी करते हुए रोजगार देने की मांग कर रहे थे।
छत्तीसगढ़ योग शिक्षक संघ के बैनर तले हुए इस विरोध प्रदर्शन में योग आयोग अध्यक्ष ज्ञानेश शर्मा के नाम योग शिक्षकों ने ज्ञापन भी सौंपा। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल चंद्राकर ने बताया कि प्रदेश के सभी स्वामी आत्मानंद स्कूल और हाई हायर सेकेंडरी 9 से 12 तक के स्कूलों में योग शिक्षक की भर्ती किए जाने की मांग कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने बताया, राज्य शैक्षणिक अनुसंधान परिषद के माध्यम से स्कूली विद्यार्थियों को योग एवं नैतिक शिक्षा की पुस्तक हर साल बांटी जाती है। किताब बांटने का मकसद यह होता है कि बच्चों के मन बुद्धि और व्यवहार का विकास हो सके। लेकिन नियमित योग शिक्षकों नहीं होने के कारण योग शिक्षा और स्कूलों में सिर्फ एक औपचारिकता बनकर रह गई है। दूसरी ओर अन्य राज्य जैसे कि मध्यप्रदेश राज्य में 26000 स्कूलों में योग को अनिवार्य कर दिया। बिहार सरकार ने भी योग शिक्षकों के पद सृजित किए हैं। अन्य राज्य जैसे पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड जैसे राज्यों में योग शिक्षक की भर्ती की घोषणा हो चुकी है।
राज्य के 21 विश्वविद्यालय और 42 महाविद्यालयों में योग स्नातकोत्तर की डिग्री डिप्लोमा पाठ्यक्रम चलता है। जहां से हर साल हजारों संख्या में योग्य युवा बतौर योग एक्सपर्ट निकलते हैं लेकिन वह सभी बेरोजगार भटक रहे हैं । चंद्राकर ने कहा कि इसलिए हमारी मांग है कि प्रदेश के सभी आत्मानंद स्कूलों में केंद्रीय केंद्रीय विद्यालय नवोदय विद्यालय की तर्ज पर योग शिक्षक की भर्ती की जाए। मध्य प्रदेश व बिहार सरकार के तर्ज पर राज्य के हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में योगी योग शिक्षकों की भर्ती की जाए।
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