छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से, कांग्रेस ने पहले दिन बहिष्कार का लिया फैसला, विजन 2047 पर होगी चर्चा

15 दिसंबर से 17 दिसंबर तक सदन में कानून-व्यवस्था, धान खरीदी, बिजली, जमीन दर, सड़कों की बदहाल स्थिति और राशन वितरण में गड़बड़ी जैसे मुद्दों पर तीखी बहस और हंगामे के आसार हैं।

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  • Publish Date - December 14, 2025 / 11:10 AM IST

नवा रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र (Winter session) आज रविवार से नवा रायपुर स्थित नए विधानसभा भवन में शुरू होने जा रहा है। यह सत्र 17 दिसंबर तक कुल चार दिन चलेगा। नए विधानसभा परिसर में यह पहला सत्र होगा। सत्र शुरू होने से पहले ही कांग्रेस ने पहले दिन विधानसभा कार्यवाही का बहिष्कार करने का फैसला कर लिया है। कांग्रेस के इस निर्णय के चलते सत्र के पहले दिन प्रश्नकाल नहीं होगा।

पहले दिन सदन में छत्तीसगढ़ विजन 2047 पर चर्चा प्रस्तावित है, जिसमें केवल भाजपा विधायक हिस्सा लेंगे। कांग्रेस विधायक सत्र की कार्यवाही में शामिल नहीं होंगे। 15 दिसंबर से 17 दिसंबर तक कांग्रेस और भाजपा दोनों के विधायक सदन में मौजूद रहेंगे और कानून-व्यवस्था, धान खरीदी, बिजली, जमीन दर, सड़कों की बदहाल स्थिति और राशन वितरण में गड़बड़ी जैसे मुद्दों पर मंत्रियों से सवाल पूछेंगे। इन दिनों सदन में हंगामे के भी आसार हैं।

शीतकालीन सत्र के लिए विधायकों ने कुल 628 सवाल लगाए हैं, जिनके जवाब सरकार को देने होंगे। इस सत्र का सबसे अहम मुद्दा धर्मांतरण को लेकर प्रस्तावित संशोधन विधेयक माना जा रहा है। सरकार शीतकालीन सत्र में संशोधित धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम सदन में पेश कर सकती है। गृहमंत्री विजय शर्मा पहले ही संकेत दे चुके हैं कि धर्मांतरण संशोधन विधेयक इस सत्र में लाया जाएगा।

गृहमंत्री विजय शर्मा के अनुसार प्रस्तावित कानून के तहत अब एक धर्म से दूसरे धर्म में जाना आसान नहीं होगा। धर्म परिवर्तन केवल तय प्रक्रिया और नियम-कानून का पालन करने के बाद ही मान्य होगा। दबाव, लालच या जबरन कराए गए धर्म परिवर्तन पर दोषियों के खिलाफ जेल सहित कड़ी सजा का प्रावधान किया जाएगा। इस विधेयक का ड्राफ्ट गृहमंत्री के नेतृत्व में तैयार किया गया है, जिसके लिए 52 बैठकों में चर्चा की गई।

फिलहाल छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण की प्रक्रिया को वैधानिक मान्यता देने वाला कोई स्पष्ट कानून नहीं है। खासतौर पर आदिवासी इलाकों में धर्म परिवर्तन को लेकर कई बार गंभीर विवाद सामने आए हैं, जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ी है। सरकार का मानना है कि नया कानून लागू होने से ऐसे विवादों पर रोक लगेगी। गृह विभाग अन्य राज्यों के धर्मांतरण कानूनों का भी अध्ययन कर रहा है।

सत्र के दौरान विधायक ध्यानाकर्षण, स्थगन और नियम 267-क के तहत नोटिस दे सकेंगे। पहले दिन विधायक सुबह 8 बजे तक नोटिस दाखिल कर सकेंगे। एक विधायक एक दिन में अधिकतम दो ध्यानाकर्षण और एक स्थगन नोटिस दे सकता है। पूरे सत्र में अधिकतम छह ध्यानाकर्षण और तीन स्थगन नोटिस स्वीकार किए जाएंगे।

नए विधानसभा परिसर में सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। पिछला सत्र 18 नवंबर को पुराने विधानसभा भवन में हुआ था। सचिवालय के अनुसार तय नियमों के तहत सभी प्रश्न, नोटिस और सूचनाएं समय पर दर्ज की जाएंगी। यह शीतकालीन सत्र छत्तीसगढ़ की राजनीतिक और विधायी गतिविधियों के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।