रायपुर। क्यूमोलोनिंबस क्लाउड यानी मौसम (Weather) के स्थानीय प्रभाव व लोकल सिस्टम से बने बादलों के कारण कहीं भी और कभी भी अचानक बारिश कराने वाले बादलों की जानकारी अब एक-दो घंटे पहले ही मिल जाएगी। कहां और किस जगह पर इस तरह के बादल बनेंगे और उससे कहां बारिश हो सकती है।
दो घंटे पहले का पूर्वानुमान छत्तीसगढ़ में नहीं हो पाता। रायपुर में लगने वाले डापलर राडार से मौसम विभाग के पास अब यह सुविधा मिल जाएगी कि वे एक-दो घंटे का भी पूर्वानुमान जारी कर सकते हैं।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल की अध्यक्षता में मंगलवार को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय तथा भारत मौसम विज्ञान मंत्रालय, नई दिल्ली के बीच डॉप्लर राडार की स्थापना के लिए अनुबंध हुआ। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने इसके लिए जमीन दी है और स्थापना की लागत तथा परिचालन व्यय भारत मौसम विज्ञान मंत्रालय करेगा।
कृषि विवि रायपुर के कृषि मौसम विज्ञान केंद्र विभाग के विभागाध्यक्ष डा. जीके दास ने बताया कि यह राडार कृषि के लिए भी बेहद उपयोगी होगा। फसलों के संबंध में किसानों को आगाह किया जा सकेगा। बारिश, हवा की रफ्तार, तूफान इत्यादि की जानकारी समय रहते मिलने पर किसानों को सुरक्षा के उपाए करने का पर्याप्त मौका मिलेगा।
पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश के भोपाल के अलावा दिल्ली, पुणे, हैदराबाद, विशाखापट्टनम, अगरतला, चेन्नई, जयपुर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पटना समेत अन्य शहरों में डाप्लर रडार लगे हैं। भारत में कुल 33 डाप्लर रडार लगे हैं।