भूपेश की पहल, ‘नालंदा’ परिसर में खुला दूसरा ‘मिलेट’ कैफे!

By : madhukar dubey, Last Updated : April 19, 2023 | 4:12 pm

रायपुर। नालंदा परिसर में आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने शहर के पहले मिलेट कैफ़े (Millet Cafe) का शुभारंभ किया। अब नालंदा परिसर (Nalanda Complex)में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आने वाले विद्यार्थी सहित रायपुर शहरवासियों को भी रागी, कोदो-कुटकी, ज्वार, संवा जैसे मिलेट्स से बने व्यंजनों का स्वाद मिल सकेगा। रायपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में आज शहरवासियों से भेंट मुलाक़ात करने के दौरान मुख्यमंत्री ने इस कैफ़े की शुरुआत की।

सीएम ने कहा कि अब नालंदा परिसर में पढ़ने आने वाले छात्र- छात्राओं को पोषक मिलेट्स के आहार मिलेंगे। पोषण के लिहाज़ से भी यह कैफ़े विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण रहेगा। इससे उनको अब जंक फ़ूड नहीं खाने पड़ेंगे और पढ़ाई के साथ स्वस्थ रहने की चुनौतियों से विद्यार्थी आसानी से निपट सकेंगे। मुख्यमंत्री ने इस मिलेट कैफ़े को शुरू करने के लिए कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर भूरे और नगर निगम के अधिकारियों की भी प्रशंसा की और सभापति प्रमोद दुबे को भी मिलेट के पकवान खिलाए।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने रागी से बना केक काटा और कुटकी से बना चीला, रागी ब्रेड का सैंडविच, रागी का वेजिटेबल कटलेट, कोदो की खीर , रागी का कप केक , रागी का हलवा और रागी की पाव भाजी का स्वाद भी लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई पीढिय़ों से रागी, कोदो जैसे अनाज हमारे आहार का प्रमुख हिस्सा हुआ करता था। ये अनाज सेहत के लिए जरूरी बहुत से पोषक तत्वों से युक्त होते हैं। इस कैफे से लोगों को इन अनाजों से तैयार व्यंजन के रूप में सेहतमंद विकल्प मिलेंगे। और इन सेहतमंद व्यंजनों की लोकप्रियता-उपयोग बढ़ेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पहली बार महिला स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए महिला समूहों के लिए मिलेट्स आधारित कैफे मील का पत्थर साबित हो रहे है।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सहित केंद्र सरकार ने भी कई मौक़ो पर छतीसगढ़ के इस नवाचार की तारीफ़ की है। उल्लेखनीय है कि मोटे अनाजों के उत्पादन और उपभोग को प्रोत्साहित करने के लिए वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।

राज्य सरकार ने कोदो, कुटकी और रागी का समर्थन मूल्य तय करने के साथ-साथ राजीव गांधी किसान न्याय योजना के दायरे में इन्हें भी शामिल किया है। प्रदेश के 14 जिलों को इस मिशन में शामिल किया गया है। इसके लिए इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च हैदराबाद से एमओयू किया गया है। एमओयू के अंतर्गत इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च हैदराबाद छत्तीसगढ़ में कोदो, कुटकी एवं रागी की उत्पादकता बढ़ाने, तकनीकी जानकारी, उच्च क्वालिटी के बीज की उपलब्धता और सीड बैंक की स्थापना के लिए सहयोग और मार्गदर्शन दे रहा है।