Inside Story : कांग्रेस की सरकार में हुए घोटालों पर ‘ED’ एक्शन मोड में! छापे में मिले ‘महत्वपूर्ण’ दस्तावेज

By : hashtagu, Last Updated : March 2, 2024 | 4:52 pm

रायपुर। डीएमएफ फंड (DMF fund) का उपयोग कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार में मनमाने तरीके से किया गया था। इस मुद्दे को खुद के कांग्रेस के विधायक भी विधानसभा में उठा चुके हैं। लेकिन बीजेपी इस मुद्दे पर हमेशा से ही कांग्रेस पर हमलावार थी। विधानसभा के चुनाव में भी बीजेपी ने इसे मुद्दा बनाया था। इसके अलावा और भी मुद्दे थे। जैसे अवैध कोल परिवहन, महादोव एप सट्टा, शराब घोटाला थे लेकिन इधर बीच ईडी (ED) ने डीएमएफ फंड में किए बड़े पैमाने पर हेराफेरी के प्रकरण की जांच करने में जुटी है।

डीएमएफ घोटाला में अब तक की कार्रवाई ये जब्त हुए दस्तावेज

बिना काम बिल पास, कांग्रेसी नेता जनपद सीईओ, कारोबारी व ठेकेदार के यहां ईडी छापे शुक्रवार को कोरबा, सरगुजा, सूरजपुर, कोरिया, जांजगीर, बालोद में मारे गए। इनमें कांग्रेसी नेता, जनपद पंचायत के अधिकारी, कारोबारी और बड़े ठेकेदार हैं। इन सभी के घर और दफ्तरों में रात 9 बजे तक जांच चलती रही। कुछ को जांच पूरी होने के बाद ईडी अपने साथ ले गई है।

  • जांच में ईडी को प्रॉपर्टी के दस्तावेज, कैश और मोबाइल में गोपनीय चैट मिले हैं। आरोप है कि डीएमएफ फंड का पिछली सरकार में जमकर दुरुपयोग हुआ है। कई जगह काम नहीं हुआ है लेकिन बिल पास कर दिया गया है। ईडी मामले में जेल में बंद आईएएस और कोरबा की तत्कालीन कलेक्टर रानू साहू से पूछताछ कर चुकी है।

ईडी की टीम ने अंबिकापुर में ठेकेदार अशोक अग्रवाल के घर और दफ्तर में दबिश दी। अशोक पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के करीबी बताए जाते हैं। अशोक के बंगले व दफ्तर में अभी जांच चल रही है। इसी बीच टीम ने कोरबा में कांग्रेसी नेता व ठेकेदार जेपी अग्रवाल, जशपुर जनपद पंचायत सीईओ वीरेंद्र सिंह राठौर, बैकुंठपुर जनपद पंचायत सीईओ राधेश्याम मिर्झा, गुंडरदेही में पूर्व मंत्री अनिला भेड़िया के प्रतिनिधि पीयूष सोनी, कचांदुर में कांग्रेसी नेता तोरण चंद्राकर समेत कुछ अन्य के यहां पहुंची थी। चर्चा है कि अभी कुछ और लोग निशाने पर हैं।

महादेव सट्टे में 1.86 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त

  • ईडी ने महादेव सट्टा में मनी लॉड्रिंग और हवाला केस में एक सप्ताह पहले कोलकाता, गुरुग्राम, दिल्ली, इंदौर, मुंबई और रायपुर में छापेमारी की। सट्टे से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क के एंगल पर भी जांच की गई। इस दौरान 1.86 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई है। पड़ताल के दौरान सट्टे से 1.78 करोड़ और 580.78 करोड़ की आय का पता चला है। कोलकाता में जांच के दौरान हवाला के बड़े कारोबारी हरि शंकर टिबरेवाल की जानकारी मिली है, वह दुबई शिफ्ट हो गया है। वह सौरभ व रवि का पार्टनर है। टिबरेवाल की लाभकारी स्वामित्व वाली कंपनियों के नाम पर 580.78 करोड़ रुपए जमा हैं। इन रुपयाें को बैंक में होल्ड कराया गया है। इस केस में अब तक 1296.05 करोड़ की संपत्ति जब्त की जा चुकी है।

सट्टेबाजी में पैनल चलाने वाला भोपाल से हिरासत में, ईडी लेकर आएगी रायपुर

महादेव सट्टा एप मामले में मप्र में पैनल चलाने वाले मुख्य ऑपरेटर व कारोबारी गिरीश तलरेजा को ईडी ने छापा मारकर भोपाल से हिरासत में लिया है। उन्हें पूछताछ के लिए रायपुर लाया जा रहा है। चर्चा है कि गिरीश सीधे सट्टेबाजी के प्रमोटर से जुड़ा हुआ है। वह सट्टे का पैनल बांटता है। वह एमपी में अपना नेटवर्क चला रहा है। दुबई में बसे शुभम सोनी के खातों की जांच के दौरान गिरीश का क्लू मिला था। शुभम के खाते में गिरीश और उसके साथी रतनलाल जैन ने करोड़ों का ट्रांजेक्शन किया है। इस आधार पर उसे पकड़ा गया है।

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